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भारत में सैटेलाइट टेलीविजन चैनलों के अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग के लिए दिशानिर्देश-2022 को स्वीकृति मिली

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नई दिल्ली (मा.स.स.). केंद्रीय मंत्रिमंडल ने “भारत में टेलीविजन चैनलों के अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग के लिए दिशानिर्देश,2022” को मंजूरी दे दी है। समेकित दिशानिर्देश भारत में पंजीकृत कंपनियों/एलएलपी को टीवी चैनलों के अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग, टेलीपोर्ट्स/टेलीपोर्ट हब की स्थापना, डिजिटल सैटेलाइट न्यूज गैदरिंग (डीएसएनजी)/सैटेलाइट न्यूज गैदरिंग (एसएनजी)/इलेक्ट्रॉनिक न्यूज गैदरिंग (ईएनजी) सिस्टम,  भारतीय समाचार एजेंसियों द्वारा अपलिंकिंग और लाइव कार्यक्रम की अस्थायी अपलिंकिंग के उपयोग के लिए अनुमति जारी करने में आसानी प्रदान करेंगे।

·         नए दिशानिर्देश टेलीविजन चैनलों के लिए अनुपालन को आसान बनाते हैं

·         कार्यक्रमों के लाइव प्रसारण के लिए कोई पूर्व अनुमति नहीं

·         भारतीय टेलीपोर्ट्स विदेशी चैनलों को अपलिंक कर सकते हैं

·         राष्ट्रीय/जनहित में विषय सामग्री प्रसारित करने की बाध्यता

संशोधित दिशा-निर्देशों से होने वाले मुख्य लाभ इस प्रकार हैं: –

अनुमति धारक के लिए अनुपालन में आसानी

  1. कार्यक्रमों के सीधे प्रसारण के लिए अनुमति लेने की आवश्यकता को समाप्त कर दिया गया है, केवल सीधे प्रसारित होने वाले कार्यक्रमों के लिए पूर्व पंजीकरण आवश्यक होगा;
  2. स्टैंडर्ड डेफिनिशन से (एसडी) से हाई डेफिनिशन (एचडी) या इसके विपरीत भाषा में परिवर्तन या ट्रांसमिशन के मोड में रूपांतर के लिए पूर्व अनुमति की कोई आवश्यकता नहीं है; केवल पूर्व सूचना देने की आवश्यकता होगी।
  3. आपात स्थिति में, एक कंपनी/एलएलपी के लिए केवल दो निदेशकों/भागीदारों के साथ, एक निदेशक/साझेदार को बदला जा सकता है, इस तरह की नियुक्ति के बाद यह सुरक्षा मंजूरी के अधीन और व्यापार निर्णय लेने में सक्षम बनाने के लिए होगी;
  4. एक कंपनी/एलएलपी डीएसएनजी के अलावा अन्य समाचार एकत्र करने वाले संसाधनों जैसे ऑप्टिक फाइबर, बैग बैक, मोबाइल इत्यादि का उपयोग कर सकती है, जिसके लिए अलग से अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी।

कारोबार करने में आसानी

  1. अनुमति प्रदान करने के लिए विशिष्ट समय-सीमा प्रस्तावित की गई है;
  2. सीमित देयता भागीदारी (एलएलपी) संस्थाएं भी अनुमति ले सकती हैं;
  3. एलएलपी/कंपनियों को भारतीय टेलीपोर्ट से विदेशी चैनलों को अपलिंक करने की अनुमति दी जाएगी इससे रोजगार के अवसरों का सृजन होगा और यह भारत को अन्य देशों के लिए टेलीपोर्ट-हब बना देगा।
  4. एक समाचार एजेंसी को वर्तमान में एक वर्ष की तुलना में 5 वर्ष की अवधि के लिए अनुमति मिल सकती है;
  5. वर्तमान में केवल एक टेलीपोर्ट/उपग्रह की तुलना में एक चैनल को एक से अधिक टेलीपोर्ट/उपग्रह की सुविधाओं का उपयोग करके अपलिंक किया जा सकता है;
  6. इससे कंपनी अधिनियम/सीमित देयता अधिनियम के तहत टीवी चैनल/टेलीपोर्ट को किसी कंपनी/एलएलपी को स्थानांतरित करने की अनुमति देने की संभावना में वृद्धि हुई है।

सरलीकरण और युक्तिकरण

  1. दिशानिर्देशों के एक संयुक्त सेट के माध्यम से दो अलग-अलग दिशानिर्देशों को बदल दिया गया है;
  2. दोहराव और सामान्य मापदंडों से बचने के लिए दिशानिर्देशों की संरचना को व्यवस्थित किया गया है।
  3. जुर्माने की धाराओं को युक्तिसंगत बनाया गया है और वर्तमान में एक समान जुर्माने की तुलना में विभिन्न प्रकार के उल्लंघनों के लिए अलग-अलग जुर्माने का प्रस्ताव किया गया है।

अन्य विशेषताएं

  1. किसी चैनल को अपलिंक और डाउनलिंक करने की अनुमति रखने वाली कंपनियां/एलएलपी राष्ट्रीय महत्व और सामाजिक प्रासंगिकता के विषयों पर एक दिन में कम से कम 30 मिनट की अवधि के लिए सार्वजनिक सेवा प्रसारण (सिवाय जहां यह संभव नहीं हो सकता है) कर सकती हैं।
  2. सी बैंड के अलावा फ़्रीक्वेंसी बैंड में अपलिंक करने वाले टीवी चैनलों को अनिवार्य रूप से अपने सिग्नलों को एन्क्रिप्ट करने की आवश्यकता होती है।
  3. नवीनीकरण के समय दिशा-निर्देशों के अनुसार अनुमति रखने वाली कंपनियों/एलएलपी के लिए निवल मूल्य की आवश्यकता।
  4. देय राशि का भुगतान सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा जमा का प्रावधान।

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