नई दिल्ली (मा.स.स.). बंगाल की खाड़ी बहुक्षेत्रीय तकनीकी एवं आर्थिक सहयोग उपक्रम (बिम्सटेक) की दूसरी कृषि मंत्री-स्तरीय बैठक आज भारत की मेजबानी में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की अध्यक्षता में हुई। इसमें भूटान, बांग्लादेश, नेपाल, म्यांमार, लंका व थाईलैंड के कृषि मंत्रियों ने भी भाग लिया।
बैठक को विडियो कान्फ्रेसिंग के जरिए संबोधित करते हुए, तोमर ने सदस्य देशों से, कृषि के कायाकल्प के लिए सहयोग मजबूत करने हेतु व्यापक क्षेत्रीय कार्यनीति विकसित करने में सहयोग का अनुरोध किया। उन्होंने पोषक आहार के रूप में मिलेट के महत्व व अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष 2023 के दौरान मिलेट व इसके उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए भारत द्वारा किए प्रयासों का उल्लेख करते हुए सदस्य देशों से अनुरोध किया कि वे अनूकूल कृषि खाद्य प्रणाली और सभी के पोषण हेतु स्वास्थ्यवर्धक खाद्य के रूप में मिलेट को बढ़ावा देने के लिए भारत की पहल में सक्रिय रूप से भागीदार बनें। तोमर ने कहा कि कृषि जैव विविधता संरक्षण एवं रसायन के प्रयोग में कमी के लिए प्राकृतिक व पारिस्थितिक खेती को बढ़ावा देना चाहिए।
केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि डिजीटल खेती और परिशुद्ध खेती के साथ-साथ ‘वन हेल्थ’ दृष्टिकोण के अंतर्गत की जाने वाली पहल भी भारत में साकार रूप ले रही है। उन्होंने खाद्य सुरक्षा, पोषण, पर्यावरण स्थिरता व आजीविका सहायता सुनिश्चित करने के लिए कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों में सहयोग के महत्व पर जोर दिया, जिसके लिए ‘वन हेल्थ’ दृष्टिकोण तथा अन्य कार्यक्रमों के तहत जलवायु परिवर्तन, कृषि जैव विविधता, सूक्ष्म जीव निवारक प्रतिरोध की चुनौतियों से निपटने हेतु तकनीकी और आर्थिक सहयोग बढ़ाना अपेक्षित है।
तोमर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस वक्तवव्य को दोहराया, जो उन्होंने मार्च-2022 को कोलम्बो में हुए 5वें बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में क्षेत्र में खाद्य सुरक्षा, शांति व समृद्धि के लिए बिम्सटेक राष्ट्रों के क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ाने के संबंध में दिया था। साथ ही, उन्होंने कृषि उत्पादकता, खाद्य सुरक्षा व पोषण, स्थिरता, अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने तथा कृषि व्यापार, जलवायु परिवर्तन प्रबंधन, डिजिटल कृषि आदि क्षेत्रों में बिम्सटेक के साथ सहयोग बढ़ाने हेतु भारत की प्रतिबद्धता की जताई।
दूसरी बिम्सटेक कृषि मंत्री-स्तरीय बैठक में बिम्सटेक कृषि सहयोग (2023-2027) को मजबूत करने के लिए कार्य योजना को अंगीकार किया गया और बिम्सटेक सचिवालय व अंतरराष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान (आईएफपीआरआई) के बीच समझौता ज्ञापन तथा मात्स्यिकी एवं पशुधन उप-क्षेत्रों को कृषि कार्य समूह के तहत लाने को मंजूरी दी गई। बिम्सटेक सदस्य देशों ने कृषि अनुसंधान और विकास में सहयोग को मजबूत करने के लिए भारत के प्रयासों तथा कृषि में स्नातकोत्तर एवं पीएचडी कार्यक्रमों के लिए प्रत्येक में छह-छह छात्रवृत्तियां प्रदान करने के लिए भारत की सराहना की।
बैठक में, भारतीय प्रतिनिधिमंडल में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी, कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग (डेयर) के सचिव व भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के महानिदेशक डा. हिमांशु पाठक सहित मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए। बिम्सटेक की स्थापना वर्ष 1997 में हुई थी। इसमें दक्षिण एशिया के पांच देश- बांग्लादेश, भूटान, भारत, नेपाल, लंका तथा दक्षिण-पूर्व एशिया के दो देश- म्यांमार और थाईलैंड शामिल हैं। यह दक्षिण एशिया और दक्षिण-पूर्व एशिया की एक अनूठी कड़ी है।