रांची (मा.स.स.). कई जगह यह आरोप लगे हैं कि हिंसा करने वाले बाहर के लोग थे. झारखण्ड की राजधानी रांची में नूपुर शर्मा के खिलाफ हुए हिंसक प्रदर्शन में इसके सबूत भी मिलने शुरू हो गए हैं. एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से 12 लोगों की एक टीम ने 4 जून से ही रांची में हिंसक प्रदर्शन की पृष्ठभूमि बनाना शुरु कर दिया था.
इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि हिंसा के लिए तीन टीमें बनाई गई थीं. इन लोगों ने मुस्लिमों को भड़काने का प्रयास किया. जब कुछ जगह पर विरोध हुआ, तो इन लोगों ने 16 से 24 साल के युवाओं को अपना शिकार बनाया. इन मामले में इनके स्थानीय सहयोगियों के रूप इमं एक सत्ताधारी झामुमो का नेता और एक पानी व्यवसायी बताया जा रहा है. सहारनपुर से आये लोगों ने इस्लाम का हवाला देकर पहले युवाओं को भड़काया, फिर स्थानीय लोगों की सहायता से विरोध-प्रदर्शन का सन्देश वायरल कराया.
विरोध को हिंसक बनाने के लिए पहले से ही ईंट-पत्थर जुटा लिए गए थे. इन्हें छोटा कर कई स्थानों पर रखा गया था, जिससे कोई कुछ समझ न पाए. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जांच दल बना दिया है और उनके कड़े रुख को देखते हुए पुलिस भी एक्शन में है.