सोमवार, दिसंबर 23 2024 | 03:13:25 PM
Breaking News
Home / राष्ट्रीय / एनईपी पुरातन का आधुनिकता के साथ मेल कराती है : धर्मेंद्र प्रधान

एनईपी पुरातन का आधुनिकता के साथ मेल कराती है : धर्मेंद्र प्रधान

Follow us on:

नई दिल्ली (मा.स.स.). केंद्रीय शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने आज एनआईटी सुरत्‍कल के 20वें दीक्षांत समारोह को संबोधित किया। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 का उल्‍लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यह 21वीं सदी का दार्शनिक दस्तावेज है, जिसका उद्देश्य पुरातन का आधुनिकता के साथ मेल कराना और एक बहुमुखी वैश्विक नागरिक तैयार करने का प्रयास करना है। उन्होंने स्वामी विवेकानंद और उनके मार्गदर्शक दर्शन का भी विशेष उल्लेख किया।

उन्होंने पिछले स्‍वाधीनता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी द्वारा राष्ट्र के नाम संबोधन में किए गए “जय अनुसंधान” के आह्वान को याद किया। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्रों की कतार में शामिल करना है, जब राष्‍ट्र ब्रिटिश शासन से प्राप्‍त आजादी के 100 साल पूरे होने का जश्न मना रहा होगा। धर्मेंद्र प्रधान ने एनआईटी सुरत्‍कल को एक सुव्यवस्थित सतत ऊर्जा विभाग बनाने के लिए प्रोत्साहित किया, ताकि इस प्रौद्योगिकी संस्थान को एक दशक के भीतर ऊर्जा क्षेत्र में बदलाव का प्रकाश-पुंज बनाया सके।

प्रधान ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, डेटा एनालिटिक्स, इलेक्ट्रॉनिक्स, जीनोम एडिटिंग, 3 डी प्रिंटिंग जैसे प्रमुख क्षेत्रों के बारे में चर्चा की, जो उद्योग 4.0 के लिए भविष्‍य की राह हैं। उन्होंने कहा कि भारत मानवता के भावी विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और अपना विश्व गुरु का गौरव बहाल करेगा।

इस दौरान प्रधान ने 10,394 वर्ग मीटर के कुल क्षेत्रफल में फैले और 48 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित केंद्रीय अनुसंधान सुविधा (सीआरएफ) और स्कूल ऑफ इंटरडिसिप्लिनरी स्टडीज [सीओई] भवन का उद्घाटन किया। इसके अलावा उन्‍होंने 11,246 वर्गमीटर के निर्मित क्षेत्र और 54.76 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले “लेक्‍चर हॉल कॉम्प्लेक्स – ब्लॉक-डी” की आधारशिला भी रखी। इस अवसर पर नलिन कुमार कतील, सांसद, दक्षिण कन्नड़, डॉ. वाई भरत शेट्टी, विधायक, मैंगलोर उत्तर, और प्रो. प्रसाद कृष्ण, अध्यक्ष-बीओजी और निदेशक (ए/सी) एनआईटीके भी उपस्थित थे। भारत सरकार की उच्च शिक्षा वित्त पोषण एजेंसी (एचईएफए) से 80 करोड़ रुपये के ऋण के साथ केंद्रीय अनुसंधान सुविधा (सीआरएफ) की स्‍थापना पहले ही की जा चुकी है।

दीक्षांत समारोह में 126 पीएचडी, 817 स्‍नातकोत्‍तर और 844 बी.टेक उम्मीदवारों सहित कुल 1787 आवेदकों को डिग्री प्रदान की गई। 249 बी.टेक छात्रों ने अपनी बी.टेक डिग्री के अलावा अन्य क्षेत्रों में भी माइनर डिग्री भी प्राप्त की। एनआईटीके ने पहली बार बी.टेक (ऑनर्स) की डिग्री प्रदान की। इस दीक्षांत समारोह में, बी.टेक नौ के छात्रों और स्‍नातकोत्‍तर के तीस छात्रों ने सर्वश्रेष्ठ सीजीपीए प्राप्त करने के लिए स्वर्ण पदक और अन्य संस्थाओं द्वारा प्रायोजित पदक प्राप्‍त किए। धर्मेंद्र प्रधान ने एनआईटीके के स्नातकों को पदक प्रदान किए।

यह भी पढ़ें : केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर ने पूसा धान क्षेत्र का भ्रमण किया

 

भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

https://vyaparapp.in/store/Pustaknama/15

https://www.meesho.com/hindi-paperback-history-books/p/2r4nct

इस पुस्तक को ई-बुक के रूप में खरीदने हेतु कृपया निम्न लिंक पर क्लिक करें –

https://www.amazon.in/dp/B0aar BCH59SF8

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

मायावती आंबेडकर मुद्दे पर 24 दिसंबर को पूरे देश में करेगी आंदोलन

नई दिल्ली. बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा बाबा साहब …