नई दिल्ली (मा.स.स.). भारत के संविधान को अंगीकृत करने और संविधान निर्माताओं के योगदान के सम्मान में हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष भी 26 नवंबर को केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों/विभागों सहित पूरे देश में संविधान दिवस बड़े उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। इन समारोहों के लिए सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय को नोडल एजेंसी बनाया गया है। इस राष्ट्रीय कार्यक्रम में एक सक्रिय भागीदार के रूप में संसदीय कार्य मंत्रालय ने विशेष तौर पर संविधान दिवस, 2022 के लिए दो डिजिटल पोर्टलों को नया रूप देते हुए अद्यतित किया है – पहला अंग्रेजी और संविधान की 8वीं अनुसूची के तहत उल्लिखित 22 अन्य भाषाओं में संविधान की प्रस्तावना का वाचन (https://readpreamble.nic.in/) और दूसरा “भारत के संविधान पर ऑनलाइन प्रश्नोत्तरी” (https://constitutionquiz.nic.in/) ।
प्रारंभिक चरण के रूप में, संसदीय कार्य मंत्री, प्रल्हाद जोशी ने आज (25.11.2022 को) 22 आधिकारिक भाषाओं और अंग्रेजी में संविधान की प्रस्तावना के वाचन (https://readpreamble.nic.in/) और “भारत के संविधान पर ऑनलाइन प्रश्नोत्तरी” (https://constitutionquiz.nic.in/) के इन अद्यतित पोर्टलों का आभासी माध्यम से शुभारंभ किया। कार्यक्रम में जी. निवास, सचिव, संसदीय कार्य मंत्रालय, डॉ. सत्य प्रकाश, अपर सचिव, संसदीय कार्य मंत्रालय और मंत्रालय के अन्य अधिकारियों/कर्मचारियों ने भी भाग लिया। प्रल्हाद जोशी ने इन पोर्टलों का शुभारंभ करते हुए कहा कि सभी नागरिकों को संविधान की प्रस्तावना को 23 भाषाओं में से अपनी उपयुक्त भाषा में पढ़ना चाहिए। इसके लिए भारत सरकार के मंत्रालयों/विभागों, राज्य/संघ राज्य क्षेत्र की सरकारों, स्कूलों/कॉलेजों/ विश्वविद्यालयों/संस्थानों आदि सहित बड़े पैमाने पर जनता द्वारा (https://readpreamble.nic.in/) पोर्टल का उपयोग करते हुए प्रस्तावना को पढ़कर स्व-हस्ताक्षरित प्रमाणपत्र प्राप्त किया जा सकता है।
मंत्री जोशी ने आग्रह किया कि इसे एक जन-अभियान बनाने और जनभागीदारी सुनिश्चित करने के लिए, मंत्रालय ने भारत के संविधान पर ऑनलाइन प्रश्नोत्तरी के एक अन्य पोर्टल (https://constitutionquiz.nic.in/) को भी अपडेट किया है। यह एक ऑनलाइन प्रश्नोत्तरी है जिसमें भारतीय संविधान और उसके लोकतंत्र पर बहुत ही सरल और बुनियादी प्रश्न हैं, जिसमें कोई भी भाग ले सकता है और प्रतिभागिता प्रमाणपत्र प्राप्त कर सकता है। प्रश्नोत्तरी का उद्देश्य भारतीय संविधान के बुनियादी मूल्यों/विचारों को लोकप्रिय बनाना है न कि किसी के ज्ञान की परीक्षा लेना। यह हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में होगी ताकि अधिक से अधिक लोग इसमें भाग ले सकें। संसदीय कार्य मंत्री ने यह भी याद दिलाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश और पहल पर संविधान दिवस पहली बार 26 नवंबर, 2015 को मनाया गया था, जब 2015 में संविधान के जनक, डॉ. बी.आर. अम्बेडकर की 125वीं जयंती मनाई जा रही थी। उन्होंने डॉ. बी.आर. अम्बेडकर को हमारे संविधान के निर्माण में उनके अतुलनीय योगदान के लिए श्रद्धांजलि दी, जिसने अब तक एक महान लोकतंत्र के रूप में भारत की नियति का मार्गदर्शन किया है।
जोशी ने कहा कि हमारे संविधान ने दलितों और अंतिम पंक्ति के लोगों के सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। संविधान की बुनियादी रूपरेखा पर प्रकाश डालते हुए, उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि यह दस्तावेज़ नागरिकों के बीच बंधुत्व को बढ़ावा देने के अलावा न्याय, समानता और स्वतंत्रता की गारंटी देता है। इस अवसर पर जोशी ने मीडिया के माध्यम से जनता से मौलिक अधिकारों के बजाय मौलिक कर्तव्यों के प्रति सक्रिय रूप से प्रतिबद्ध होने का भी आह्वान किया , क्योंकि एक व्यक्ति के मौलिक अधिकार दूसरे व्यक्ति के मौलिक कर्तव्यों की उपज हैं। उन्होंने यह भी अनुरोध किया कि अधिक से अधिक लोग समारोह में शामिल हों और #SamvidhanDiwas का उपयोग करके फेसबुक @MOPAIndia, ट्विटर @mpa_india को टैग करते हुए अपने प्रमाणपत्र साझा करें।