लखनऊ. वाराणसी से एक दर्दनाक हादसे की खबर आ रही है। वाराणसी के सुरही गांव में कार और ट्रक की भिड़ंत में आठ लोगों की मौत हो गई है। सभी मृतकों की पहचान पीलीभीत निवासी के रूप में हुई है। जानकारी के अनुसार सभी वाराणसी दर्शन-पूजन के लिए आए थे और वापस घर लौट रहे थे। घटना की जानकारी मिलते ही आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं।
वाराणसी-लखनऊ राजमार्ग पर सुरही गांव में तेज रफ्तार अर्टिगा कार आगे चल रहे ट्रक के पीछे जा घुसी। कार सवार लोग काशी विश्वनाथ का दर्शन-पूजन कर वापस लौट रहे थे। घटना सुबह करीब चार बजे की बताई जा रही है। सभी के घर वालों को सूचना दे दी गई है। एक आठ साल का बच्चा बचा है जिसकी हालत गंभीर बताई जा रही है। सभी मृतक ग्राम मुजफ्फरनगर डाकखाना दूधियाखुर्द थाना पूरनपुर जिला पीलीभीत के रहने वाले हैं। घटना की जानकारी मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया।
घटनास्थल पर मौजूज व्यक्ति ने घटना के बारे में बताया। उन्होंने बताया- हम सोए थे सुबह करीब चार बजे तेज आवाज हुई। हम देखने गए तो एक कार क्षतिग्रस्त थी उसमें चार लोगों की मौत हो चुकी थी।
मृतकों का विवरण
मृतकों में माधोटांडा क्षेत्र के गांव रुद्रपुर निवासी विपिन यादव (32) उनकी मां गंगा देवी (48) शामिल है। वहीं दूसरे परिवार भी इसी गांव का शामिल है। महेंद्र पाल (43) अपनी परिवार के बुजुर्गों की अस्थियां विसर्जन करने के लिए पत्नी चंद्रकाली (40) और पूरनपुर क्षेत्र के मुजफ्फरनगर गांव निवासी भाई दामोदर प्रसाद (35) दामोदर की पत्नी निर्मला देवी (32) और पांच साल के पुत्र शांति स्वरूप के साथ गए थे। इसके अलावा माधोटांडा क्षेत्र के धरमंगदपुर गांव निवासी राजेंद्र पुत्र राम भजन (55) भी शामिल थे। पूरनपुर क्षेत्र के पिपरिया दुलई निवासी अमन (24) चला रहे थे। हादसे में पांच वर्षीय बच्चा शांति स्वरूप की हालत गंभीर बताई जा रही है। अन्य सभी की मौत हो गई है।
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना पर शोक व्यक्त किया है। एक्स पर सीएम के ऑफिसियल अकाउंट से पोस्ट में लिखा-
‘मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनपद वाराणसी में सड़क दुर्घटना में हुई जनहानि पर गहरा दुःख प्रकट किया है। सीएम ने जिला प्रशासन के अधिकारियों को घायलों के समुचित उपचार हेतु निर्देशित किया है। मुख्यमंत्री ने बाबा विश्वनाथ से दिवंगत आत्माओं की शांति एवं घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करते हुए शोक संतप्त परिजनों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं।’
साभार : अमर उजाला
भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं