इस्लामाबाद. पाकिस्तान की डेरा गाजी खान न्यूक्लियर फैसिलिटी के पास एक बड़े धमाके की खबर सामने आ रही है। सोशल मीडिया पर कई वीडियोज सर्कुलेट हो रहे हैं। इनमें दावा किया गया है कि धमाके की आवाज 30 किलोमीटर दूर तक सुनाई दी। फिलहाल सुरक्षाबलों ने इलाके को घेर लिया है।
हालांकि, वहां के डिप्टी कमिश्नर DG खान ने बताया है कि न्यूक्लियर फैसिलिटी में धमाके की खबरें झूठी हैं। साउंड बैरियर टूटने की वजह से तेज आवाज हुई थी, जिससे आसपास के इलाके में अफरा-तफरी मच गई। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियोज में कहा जा रहा है कि यह धमाका शाहीन मिसाइल की टेस्टिंग के दौरान हुआ। 2012 से तहरीक-ए-तालिबान-पाकिस्तान (TTP) इस परमाणु इकाई पर हमले की धमकियां देता रहा है।
साउंड बैरियर कैसे टूटता है
जब किसी चीज की रफ्तार आवाज की रफ्तार से ज्यादा होती है तो उसको सुपरसोनिक रफ्तार कहते हैं। स्पेस में ध्वनि की रफ्तार 332 मीटर प्रति सेकेंड होती है। जब कोई चीज 332 मीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से भी ज्यादा रफ्तार से चलती है तो उसको ही सुपरसोनिक स्पीड कहा जाता है। जब विमान ध्वनि की रफ्तार से तेज चलता है तो यह सोनिक बूम पैदा करता है।
इसे ही साउंड बैरियर तोड़ना कहते हैं। इससे बड़ी मात्रा में ध्वनि ऊर्जा पैदा होती है। जिस वजह से विमान के आने से पहले कोई आवाज नहीं सुनाई देती लेकिन विमान के गुजरने के बाद ही तेज धमाके जैसी आवाज आती है। चक येजर,14 अक्टूबर, 1947 को साउंड बैरियर को तोड़कर आवाज से भी ज्यादा गति में विमान उड़ाने वाले दुनिया के सबसे पहले टेस्ट पायलट बने, जब उन्होंने मच 1 (ध्वनि की गति) में Bell X-1 एयरक्राफ्ट को 45,000 फीट (13,700 मीटर) की ऊंचाई पर उड़ाया।
पाक के इस्लामाबाद में भारत के मिग ने तोड़ा था साउंड बैरियर
मई 1997 में IAF मिग-25 ने पाकिस्तान के ऊपर से उड़ान भरी थी। इसने इस्लामाबाद के पास एक साउंड बैरियर को तोड़ दिया था। इससे पैदा हुए आवाज के विस्फोट ने पाकिस्तानियों को मिग के मौजूदगी का एहसास दिलाया था। पाक ने तुरंत डरकर अपने इंटरसेप्टर्स को रोक दिया था। मिग – 25 की 70 हजार फीट से ज्यादा की ऑपरेशनल हाइट है। 2.5 मैक की गति के साथ, यह पाकिस्तान के किसी भी लड़ाकू जेट की पहुंच से परे था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मिग ने कई बार पाकिस्तान में उड़ान भरी है।
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में है डेरा गाजी खान
डेरा गाजी खान जिला पंजाब प्रांत में है। यह सिंधु नदी के क्षेत्र में आता है। इस शहर की स्थापना बलूच सरदार के बेटे और मुल्तान के लंगाह सुल्तानों के जागीरदार गाजी खान ने की थी। डेरा गाजी खान शहर 1908-09 में बाढ़ के वजह से तबाह हो गया था। 1911 में इसी शहर को फिर से बसाया गया था।
2019 की मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, डेरा गाजी खान क्षेत्र के नॉर्थ में परमाणु फैसिलिटी की क्षमता तेजी से बढ़ रही थी। माना जाता है कि यह पाकिस्तान के परमाणु हथियार कार्यक्रम को इंस्टॉल करने वाला एक सैन्य प्रतिष्ठान है। पाकिस्तान इस बात पर जोर देता रहता है कि डेरा गाजी खान (DGK) परमाणु फैसिलिटी चालू नहीं है। हालांकि, यह जगह हाई टेरर जोन में है। 2018 में भी CNS रिपोर्ट ने दक्षिणी परिसर में परमाणु फैसिलिटी का विस्तार होने का संकेत दिया था। पाकिस्तान एटमी हथियारों की टेस्टिंग के लिए खुले गड्ढे या पारंपरिक एक्सट्रैक्शन माइनिंग का इस्तेमाल नहीं करता। ऐसी माइनिंग का पता लगाना आसान होता है।
अमेरिकी रिपोर्ट में खुलासा- पाकिस्तान के पास 170 परमाणु हथियार
कुछ दिन पहले अमेरिका के न्यूक्लियर वैज्ञानिकों ने एक रिपोर्ट जारी कर बताया था कि पाकिस्तान के पास फिलहाल 170 परमाणु हथियार हैं, जो 2025 तक 200 के पार जा सकते हैं। रिपोर्ट को ‘2023 पाकिस्तान न्यूक्लियर हैंडबुक’ नाम दिया गया है। रिपोर्ट में कहा गया था कि पाकिस्तान के न्यूक्लियर क्षमता वाले मिसाइल बेस और फैसिलिटीज की लोकेशन की जानकारी नहीं मिल पाई। हालांकि, सैटेलाइट इमेज से यह पता चला है कि पाकिस्तान के 5 मिसाइल बेस हैं। जहां से उसकी न्यूक्लियर फोर्सेस ऑपरेट कर सकती हैं।
अमेरिका की डिफेंस इंटेलिजेंस ने 1999 में अंदाजा लगाया था कि पाकिस्तान के पास 2020 तक 60 से 80 परमाणु हथियार होंगे। हालांकि, पाकिस्तान ने इससे ज्यादा परमाणु हथियार बनाए हैं।अमेरिकी एजेंसी ने पाकिस्तान के परमाणु हथियारों से जुड़े आंकड़े कई खुफिया दस्तावेजों, मीडिया और थिकटैंक्स की रिपोर्ट से जुटाए हैं।
साभार : दैनिक भास्कर
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