शुक्रवार, नवंबर 22 2024 | 12:39:00 AM
Breaking News
Home / राज्य / जम्मू और कश्मीर / अनुच्छेद 370 हटाने का विरोध करने वाले नासमझ : गुलाम नबी आजाद

अनुच्छेद 370 हटाने का विरोध करने वाले नासमझ : गुलाम नबी आजाद

Follow us on:

जम्मू. जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के प्रमुख गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने कहा कि अनुच्छेद 370 को निरस्त (Abrogation of Article 370) करने का विरोध करने वाले लोगों को केंद्र शासित राज्य जम्मू और कश्मीर (Jammu and Kashmir) के इतिहास और भूगोल की कोई जानकारी नहीं है. उन्होंने यह टिप्पणी तब की, जब सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में अनुच्छेद 370 के तहत पहले राज्य रहे जम्मू-कश्मीर को मिले विशेष दर्जे को छीनने के केंद्र के कदम की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई हो रही है. गौरतलब है कि इस महीने धारा 370 को खत्म किए जाने के 4 साल पूरे होने के मौके पर भाजपा ने कश्मीर में शांति, विकास और समृद्धि के नए युग की तस्वीर उभरने की बात कही है.

डोडा में मीडिया से बात करते हुए गुलाम नबी आजाद ने क्षेत्रीय पार्टियों का नाम लिए बिना उन पर कटाक्ष किया. पूर्व कांग्रेस नेता ने कहा कि ‘जो लोग अनुच्छेद 370 को रद्द करने का विरोध कर रहे हैं, वे जमीनी स्थिति के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर के इतिहास और भूगोल से अनजान हैं. अनुच्छेद 370 किसी विशेष इलाके, राज्य या धर्म के लिए नहीं था बल्कि सभी के लिए समान रूप से फायदेमंद था.’ आजाद ने कहा कि ‘मुझे सुप्रीम कोर्ट पर पूरा भरोसा है. मेरा मानना है कि वह इस कदम के सभी पहलुओं पर गौर करेगा.’

इससे पहले बीजेपी ने एक आधिकारिक प्रेस रिलीज में कहा कि ‘अनुच्छेद 370 को निरस्त करने से जम्मू-कश्मीर में शांति, विकास और समृद्धि आई है.’ 5 अगस्त को धारा 370 के निरस्त होने के 4 साल होने पर पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने दावा किया कि उन्हें पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ ‘हाउस अरेस्ट’ में रखा गया था. वहीं सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने अनुच्छेद 370 पर पहले एक सुनवाई के दौरान सवाल पूछा कि ‘एक प्रावधान जिसे विशेष रूप से संविधान में एक अस्थायी प्रावधान के रूप में उल्लेख किया गया था, स्थायी कैसे हो सकता है?’

साभार : न्यूज़18

भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

https://www.amazon.in/dp/9392581181/

https://www.flipkart.com/bharat-1857-se-1957-itihas-par-ek-drishti/p/itmcae8defbfefaf?pid=9789392581182

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

एक सप्ताह में सुरक्षाबलों ने 5 मुठभेड़ों में ठेर किये 8 आतंकवादी

जम्मू. कश्मीर घाटी में इस महीने के पहले हफ्ते में विभिन्न जिलों में सुरक्षाबलों और …