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भारतीय सेना ने राजस्थान में किया दो दिन का युद्धाभ्यास

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जयपुर. इंडियन आर्मी ने राजस्थान के जैसलमेर में दो दिन युद्धाभ्यास किया। सेना ने इसे ‘आर्मी डेजर्ट ट्रेनिंग एक्सरसाइज’ नाम दिया। लोंगेवाला और पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में अधिकारियों व जवानों ने सेना की ताकत का प्रदर्शन किया। रेत के गुबार के बीच टैंकों की गड़गड़ाहट, बम धमाकों, गोलियां की आवाज और लड़ाकू हेलिकॉप्टरों की गरज ने वास्तविक युद्ध का आभास कराया।

थार के रेगिस्तान में ‘आर्मी डेजर्ट ट्रेनिंग एक्सरसाइज’ का आगाज गुरुवार को हुआ था। जवानों ने करीब 40 डिग्री सेल्सियस तापमान में रेत के टीलों पर फिजिकल ट्रेनिंग के साथ-साथ वेपन ट्रेनिंग और प्रोफेशनल ट्रेनिंग में हिस्सा लिया। सेना की पैदल टुकड़ी ने हथियारों के बिना भी युद्ध जीतने और दुश्मनों के नापाक इरादों को कामयाब नहीं होने देने का अभ्यास किया।

1971 के युद्ध का डेमो
भारतीय सेना की दक्षिणी कमान के तहत आने वाली बैटल एक्स डिवीजन के सैनिकों ने एक्सरसाइज का जोरदार नजारा पेश किया। पहले दिन गुरुवार को लोंगेवाला बैटल फील्ड में 1971 के भारत-पाक युद्ध की याद दिला दी। इन्फैंट्री ने युद्ध का एक डेमो भी किया। लोंगेवाला में करीब 4 घंटे चली एक्सरसाइज में सेना के 250 से भी ज्यादा अधिकारी और जवानों ने हिस्सा लिया।

अर्जुन टैंक और टी-90 टैंक का प्रदर्शन
दूसरे दिन पोकरण फायरिंग रेंज में सेना के वेपंस के प्रदर्शन के साथ हथियारों के बिना युद्ध को जीतने का अभ्यास किया गया। रेत के गुबार में सेना ने अर्जुन टैंक, टी-90 टैंक और बीएमपी के साथ अन्य गन्स से दुश्मन के ठिकानों को नेस्तनाबूद करने का अभ्यास किया। भारतीय वायुसेना के लड़ाकू हेलिकॉप्टर की आवाज, टैंकों के मूवमेंट और धमाकों से पूरी पोकरण फायरिंग रेंज गूंज उठी।

फिजिकल एक्सरसाइज पर रहा जोर
डेजर्ट वॉर गेम में पैदल सेना किस तरह से काम करती है, इसका भी प्रदर्शन किया गया। सेना की पैदल टुकड़ी ने हथियार छूट जाने पर, गोला बारूद खत्म होने और युद्ध की कोई ऐसी विपरीत परिस्थिति, जिसमें कोई हथियार पास में न हो, तब अपने दमखम से किस तरह से दुश्मन को काबू में किया जाए या उसका खात्मा किया जाए, इसका सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया।

सीमा में घुस आए ‘दुश्मन’ को किया नेस्तनाबूद
अभ्यास के तहत सेना को सूचना मिली कि हमारे इलाके में दुश्मन घुस आए हैं। दुश्मनों ने जगह-जगह बंकर बनाकर इलाके को अपने कब्जे में ले लिया है। इसके बाद सेना की आर्म्ड, इन्फैंट्री और आर्टिलरी आपसी कोऑर्डिनेशन से चारों तरफ से इलाके की घेराबंदी में लग गई। टी-90 और अर्जुन टैंक दुश्मन के इलाके में आगे बढ़े और गोले बरसाए। इनके पीछे इन्फैंट्री घुटनों के बल रेंगते हुए कंटीली झाड़ियों और रेत को चीरती हुई आगे बढ़ती गई। दुश्मन के हर ठिकाने का खात्मा किया।

साभार : दैनिक भास्कर

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