नई दिल्ली (मा.स.स.). पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय ने वर्ष 2022-2023 की तीसरी तिमाही के लिये अत्यंत कारगर डाटा गवर्नेंस क्वालिटी इंडेक्स (डीजीक्यूआई) के आधार पर किये जाने वाले सर्वेक्षण में 66 मंत्रालयों में से दूसरा स्थान हासिल करने का शानदार कारनामा कर दिखाया है। मंत्रालय ने पांच में से 4.7 अंक अर्जित करके डाटा शासन में उत्कृष्टता के प्रति मंत्रालय के संकल्प को और उजागर किया है।
नीति आयोग के विकास निगरानी और मूल्यांकन कार्यालय (डीएमईओ) द्वारा आयोजित, डीजीक्यूआई सर्वेक्षण का उद्देश्य प्रशासनिक डाटा प्रणालियों के परिपक्वता स्तर और केंद्रीय सेक्टर की योजनाओं (सीएस) और केंद्र प्रायोजित योजनाओं (सीएसएस) के कार्यान्वयन पर विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के निर्णय लेने में उनके उपयोग को मापना है। यह इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए स्पष्ट तौर-तरीको को परिभाषित करता है, जिसके आधार पर मंत्रालय के निर्बाध डाटा विनिमय और उसके सक्रिय उपयोग को अधिकतम स्तर तक पहुंचाने के लिए सुधारों को भी चिह्नित करता है। डीजीक्यूआई मूल्यांकन में डाटा उत्पादन, डाटा गुणवत्ता, प्रौद्योगिकी का उपयोग, डाटा विश्लेषण, उपयोग और प्रसार, डाटा सुरक्षा और मानव संसाधन क्षमता और केस स्टडीज सहित छह महत्वपूर्ण विषय शामिल हैं।
डीजीक्यूआई मूल्यांकन में पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय की सफलता को आईआईटी मद्रास में बंदरगाहों, जलमार्गों और तटों के लिए राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी केंद्र के ठोस प्रयासों से सहायता मिली, जिसे डीजीक्यूआई मानकों के अनुपालन में पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय की प्रबंधन सूचना प्रणाली (एमआईएस) में सुधार करने का काम सौंपा गया था। विशेष रूप से, एनटीसीपीडब्ल्यूसी को सागरमाला के तहत पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय की प्रौद्योगिकी शाखा के रूप में विकसित किया गया है। डीजीक्यूआई ने मंत्रालय की पांच योजनाओं – सागरमाला, अनुसंधान एवं विकास, नौवहन, एएलएचडब्ल्यू, आईडब्ल्यूएआई और आईडब्ल्यूटी – के लिये एमआईएस पोर्टल का मूल्यांकन किया है, ताकि एआई/एमएल जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों को शामिल करके डाटा प्रवाह व डाटा गुणवत्ता को बढ़ाया जा सके।
डाटा-संचालित निर्णय लेने का प्रभाव पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के लिए महत्वपूर्ण रहा है, क्योंकि इसने मंत्रालय को सुधारों की पहचान करने और सरकारी नीतियों, योजनाओं व कार्यक्रमों के कार्यान्वयन ढांचे में सुधार के लिए अपने इच्छित लक्ष्यों और उद्देश्यों को प्राप्त करने में सक्षम बनाया है। मंत्रालय की उपलब्धि की चर्चा करते हुए, केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग और आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, “मंत्रालयों/विभागों का ऐसा रिपोर्ट कार्ड लाने के लिए डीएमईओ, नीति आयोग का प्रयास अत्यंत सराहनीय है। यह वांछित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सरकारी नीतियों, योजनाओं और कार्यक्रमों के कार्यान्वयन-प्रारूप को बेहतर बनाने में मदद करेगा।”
आंकड़ों पर आधारित नजरिया नीति निर्माताओं को सुधार के लिए रुझानों, अवसरों और क्षेत्रों को सटीक रूप से पहचानने में सक्षम बनाता है। विश्वसनीय आंकड़ों के साथ, मंत्रालय ऐसे सभी निर्णय ले सकते हैं जो नागरिकों के लिए बेहतर नतीजे दे सकें। इसके अलावा, डाटा-संचालित निर्णय लेना सस्ता है और पारदर्शिता को बढ़ाता है, जिससे योजनाओं और नीतियों की प्रगति को ट्रैक करना आसान हो जाता है। डाटा-संचालित निर्णय लेने के लिए मंत्रालय की प्रतिबद्धता भारत के लोगों की प्रभावी ढंग से सेवा करने के लिए इसके समर्पण का प्रमाण है। डाटा और प्रौद्योगिकी का लाभ उठाकर, पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय ने अन्य मंत्रालयों और विभागों के अनुकरण के लिए एक उच्च मानक स्थापित किया है।
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