मुंबई. अडानी ग्रुप के खिलाफ हिंडनबर्ग की तरफ से लगाए गए आरोपों की जांच पूरी करने के लिए सेबी (SEBI) ने सुप्रीम कोर्ट से 15 दिन का समय और मांगा है. शीर्ष अदालत में सेबी की तरफ से दायर आवेदन में कहा गया कि उसने संबंधित मामले में पर्याप्त प्रगति की है. लेकिन रिपोर्ट सब्मिट करने के लिए 15 दिन का और समय मांगा है. सेबी की तरफ से फाइलिंग में कहा गया कि जांच में काफी प्रगति हुई है.
सेबी ने 17 मामलों की जांच पूरी की
बाजार नियामक सेबी की तरफ से कहा गया कि विदेशी न्यायक्षेत्रों में संस्थाओं / एजेंसियों / नियामकों आदि से जानकारी मांगी गई थी. इस पर यदि कोई जानकारी मिलती है तो उसका अंतरिम रिपोर्ट के साथ मूल्यांकन किया जाएगा. अडानी मामले में जिन 24 लेनदेन की जांच की जा रही थी, उनमें से 17 मामलों में सेबी ने जांच पूरी करने का दावा किया है.
सेबी की जांच अंतिम चरण में
सेबी ने कहा कि बाकी के सात मामलों में से चार की जांच भी पूरी कर ली गई है और तैयार रिपोर्ट सक्षम प्राधिकारी द्वारा अनुमोदन की प्रक्रिया में है. दो अन्य मामलों में सेबी की जांच अंतिम चरण में है, जबकि दूसरे मामले में अंतरिम रिपोर्ट तैयार की जा रही है. इससे पहले 17 मई को सुप्रीम कोर्ट ने सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) को जांच के लिए तीन महीने का समय दिया था.
2 मार्च को सौंपी थी जांच
शीर्ष अदालत की तरफ से दिए गए समय के अनुसार 14 अगस्त को सेबी (SEBI) को जांच पूरी करके रिपोर्ट सब्मिट करनी थी. हिंडनबर्ग रिपोर्ट के सामने आने के बाद 2 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को दिए आदेश में कहा था कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट में अडानी ग्रुप द्वारा प्रतिभूति कानून के किसी भी उल्लंघन की जांच करे. उस समय अडानी ग्रुप के मार्केट कैप को 140 बिलियन अमेरिकी डॉलर से ज्यादा का भारी नुकसान हुआ था.
समिति में कौन-कौन है शामिल?
एक्सपर्ट समिति की अध्यक्षता न्यायमूर्ति अभय मनोहर सप्रे, भारत के सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश के साथ-साथ अन्य पांच सदस्यों में शामिल हैं – सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति जेपी देवधर, ओपी भट्ट, केवी कामथ, नंदन नीलेकणि और सोमशेखर सुंदरसन.
साभार : जी न्यूज़
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