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ईशनिंदा के शक में भीड़ ने पाकिस्तान में जलाए 3 चर्च और ईसाइयों के घर

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इस्लामाबाद. पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के शहर फैसलाबाद में बुधवार को कट्टरपंथियों ने तीन चर्च आग के हवाले कर दिए। इसके अलावा ईसाइयों के घरों में पहले लूटपाट की गई, इसके बाद उन्हें आग के हवाले कर दिया गया। कट्टरपंथी समूहों का आरोप है कि चर्च के जरिए ईशनिंदा को बढ़ावा दिया जा रहा था। इस घटना के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। इनमें आरोपियों के चेहरे भी पहचाने जा सकते हैं। खास बात ये है कि तमाम वीडियोज सामने आने के बावजूद अब तक पाकिस्तान की केयरटेकर गवर्नमेंट और फौज ने कोई बयान जारी नहीं किया है।

पुलिस तमाशा देखती रही

‘पाकिस्तान डेली’ की रिपोर्ट के मुताबिक- बुधवार सुबह फैसलाबाद में अफवाह फैली कि यहां के चर्च में ईशनिंदा की गई है। ये भी कहा गया कि यह सिलसिला कई दिन से जारी है और इलाके में रहने वाले ईसाई इसे बढ़ावा दे रहे हैं। दूसरी तरफ, अखबार ‘द डॉन’ से बातचीत में ईसाई समुदाय के नेता इमरान भाटी ने कहा- हमारे तीन चर्च निशाना बने हैं। इनमें तोड़फोड़ के बाद आग लगा दी गई। यहां रहने वाले ईसाइयों के घर लूट लिए गए। इसके बाद वहां भी आग लगा दी गई।

देखते ही देखते सैकड़ों कट्टरपंथी जरानवाला इलाके में मौजूद चर्च और ईसाई बस्ती में पहुंच गए। इन सभी के हाथों में धारदार हथियार, डंडे और पेट्रोल था। सबसे पहले ये लोग चर्च में घुसे। वहां तोड़फोड़ की। इसके बाद चर्च की छत पर पहुंचे और क्रॉस को गिरा दिया। थोड़ी देर बाद चर्च में पेट्रोल डालकर आग लगा दी गई। ये भीड़ इतने पर ही नहीं रुकी। उसने इलाके में रहने वाले तमाम ईसाई लोगों के घरों को निशाना बनाया। इनसे नाम पूछे गए और इसके बाद उन्हें सड़क पर पीटा गया। हैरानी की बात ये है कि इन तमाम घटनाओं को पुलिस के सामने अंजाम दिया गया और वो तमाशा देखती रही।

केस दर्ज होने पर भी सवालिया निशान
एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सोशल मीडिया पर घटना के वीडियो वायरल होने के कई घंटे बाद तक पुलिस की तरफ से कोई एक्शन नहीं लिया गया। कोई जिम्मेदार अफसर भी घटनास्थल पर नहीं पहुंचा। इसी रिपोर्ट में कहा गया है कि पुलिस अब तक यह बताने भी तैयार नहीं है कि इस मामले में कोई केस भी दर्ज किया गया है या नहीं। भीड़ ईसाई समुदाय के खिलाफ नारेबाजी कर रही थी।

बिशप बोले- मेरे पास शब्द नहीं

पाकिस्तान में माइनोरिटीज के खिलाफ हिंसा के वाकये पहले भी होते रहे हैं। हिंदू, सिख और अहमदिया समुदाया को निशाना बनाया जाता रहा है। कई चर्चों पर भी हमले होते रहे हैं। बुधवार की घटना के बाद बिशप आजाद मार्शल ने कहा- सब आपकी आंखों के सामने है। मैं क्या कहूं, मेरे पास तो इस घटना को बयान करने के लिए अब शब्द भी नहीं हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक- ईसाई समुदाय के सामने ही उनके पवित्र ग्रंथ जला दिए गए। पाकिस्तान में इस वक्त अनवार-उल-हक काकड़ केयरटेकर प्राइम मिनिस्टर हैं। उन्होंने अपनी कैबिनेट का ऐलान नहीं किया है। उन्हें फौज की पसंद माना जाता है। बहरहाल, अब तक सरकार और फौज की तरफ से फैसलाबाद की घटना पर कोई रिएक्शन सामने नहीं आया है।

साभार : दैनिक भास्कर

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