रविवार, मई 19 2024 | 05:02:47 PM
Breaking News
Home / राज्य / दिल्ली / सुप्रीम कोर्ट संविधान पीठ को सौप सकती है दिल्‍ली अध्यादेश से जुड़ा मामला

सुप्रीम कोर्ट संविधान पीठ को सौप सकती है दिल्‍ली अध्यादेश से जुड़ा मामला

Follow us on:

नई दिल्‍ली. दिल्ली सरकार बनाम एलजी के अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग मामले में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा है कि वह केस को पांच जजों के संविधान पीठ को भेजना चाहते हैं. फिर संविधान पीठ तय करेगा कि क्या केंद्र इस तरह संशोधन कर सकता है या नहीं? हालांकि, इस मामले में अभी तक फैसला नहीं हुआ है. इस मामले की अगली सुनवाई बृहस्पतिवार को होगी. सुप्रीम कोर्ट उस दिन तय करेगा कि इस दिल्‍ली अध्यादेश के मामले को संविधान पीठ को भेजा जाए या नहीं. हालांकि, केजरीवाल सरकार ने संविधान पीठ को मामला संदर्भित करने का विरोध किया है.

दिल्ली के उपराज्‍यपाल और मुख्‍यमंत्री को सुप्रीम कोर्ट ने सलाह दी है कि ‘झगड़ा बंद करो, राजनीति से ऊपर उठो. संवैधानिक पदाधिकारियों को एक साथ बैठकर मुद्दे सुलझाने होंगे.’ सॉलिसिटर जनरल ने केंद्र सरकार से अध्यादेश पर निर्णय लेने के लिए मानसून सत्र के अंत तक इंतजार करने को कहा. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि पहली बार केंद्र ने दिल्ली सरकार के दायरे से बाहर सेवाओं को लेने के लिए अनुच्छेद 239AA के खंड 7 के तहत प्रदत्त शक्ति का उपयोग किया है. एक तरह से संविधान में संशोधन किया गया है. और हमें देखना होगा कि क्या यह स्वीकार्य है? हम अध्यादेश की चुनौती पर संविधान पीठ द्वारा सुनवाई करेंगे. हमें यह देखना होगा कि क्या आप ऐसा करके संविधान में संशोधन कर सकते हैं?

‘ सेवा’ अध्यादेश विवाद की सुनवाई के हाईलाइट
-सुप्रीम कोर्ट ने मुद्दे को संविधान पीठ के पास भेजने की इच्छा जताई.
-केजरीवाल सरकार ने संविधान पीठ को संदर्भित करने का विरोध किया.
– दिल्ली के एलजी और सीएम को सुप्रीम कोर्ट की सलाह.
-‘ झगड़ा बंद करो, राजनीति से ऊपर उठो’.
-‘ संवैधानिक पदाधिकारियों को एक साथ बैठकर मुद्दे सुलझाने होंगे’.
-SG  ने केंद्र सरकार से अध्यादेश पर निर्णय लेने के लिए मानसून सत्र के अंत तक इंतजार करने को कहा.
-‘संसद के मानसून सत्र से पहले रखा जाएगा अध्यादेश’.
– सुप्रीम कोर्ट 20 जुलाई को करेगा सुनवाई.
– सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को तय करेगा कि मामले को संविधान पीठ भेजा जाए या नहीं.

दिल्ली सरकार ने इस मामले को संविधान पीठ को भेजे जाने का विरोध किया. अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि मामले को संविधान पीठ ना भेजा जाए. सिंघवी ने गुरुवार तक समय मांगा, अभी फैसला नहीं हुआ है. इस मामले को भी गुरुवार को सुनेगा.

साभार : एनडीटीवी

भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

https://www.amazon.in/dp/9392581181/

https://www.flipkart.com/bharat-1857-se-1957-itihas-par-ek-drishti/p/itmcae8defbfefaf?pid=9789392581182

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

क्या कोई किसी को पीटते हुए बनता है वीडियो, जांच से आएगा सच सामने : स्वाति मालीवाल

नई दिल्ली. सीएम अरविंद केजरीवाल के आवास से 13 मई का वीडियो सामने आने पर …