मुंबई. शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के पूर्व विधायक शिशिर शिंदे (Shishir Shinde) ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) को लिखे पत्र में कहा कि एक साल पहले शिवसेना (यूबीटी) का उपनेता नियुक्त किए जाने के बावजूद उन्हें कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई. उन्होंने कहा कि पिछले छह महीने में ठाकरे से मिलना ‘असंभव’ हो गया था. शिशिर शिंदे ने आगे कहा कि ठाकरे गुट में उन्हें मनचाहा काम करने को नहीं मिल रहा था. शिशिर शिंदे ने पत्र में लिखा है कि चार साल तक उन्हें कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई, फिर उन्हें एक अलंकारिक पद दिया गया. इससे उनके जीवन के चार साल बर्बाद हो गया. शिशिर शिंदे की पहचान एक तेजतर्रार नेता के रूप में की जाती है.
शिवसेना के तेजतर्रार नेता शिशिर शिंदे 1991 में तब चर्चा में आए थे जब उन्होंने पार्टी कार्यकर्ता के तौर पर कुछ अन्य कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर भारत-पाकिस्तान मैच रोकने के लिए मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम की पिच खोद दी थी. बाद में वह शिवसेना छोड़कर राज ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना में शामिल हो गए थे. वह 2009 में उपनगरीय भांडुप से विधायक चुने गए थे. साल 2018 में वह शिवसेना में लौट आए थे. मालूम हो कि एकनाथ शिंदे के बगावत के बाद शिशिर शिंदे शिवसेना के उप नेता बने 2009 में भांडुप विधानसभा क्षेत्र से विधायक बनने के बाद वह साल 2014 में हुए चुनाव में हार गए थे.
उन्होंने अपने पत्र में आगे लिखा ‘हर कार्यकर्ता की कोई पहचान होती है. कार्यकर्ता में कुछ गुण होते हैं. लेकिन मुझे खेद है कि इन चार वर्षों के दौरान मेरी उपलब्धियों, संगठनात्मक कौशल, हाथ में आए कार्य को पूरा करने के लिए जबरदस्त दृढ़ संकल्प, समाज के विभिन्न क्षेत्रों में घनिष्ठ संबंधों की उपेक्षा की गई है. हालांकि, मुझे यह बताते हुए गर्व हो रहा है कि मेरे किसी भी कृत्य से शिवसेना की बदनामी नहीं हुई है.’ उन्होंने आगे लिखा इस पत्र के माध्यम से कोई सार्वजनिक आरोप लगाए बिना, मैं आपको ‘जय महाराष्ट्र’ कहता हूं.
साभार : न्यूज़18
भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं