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क्या तुर्की ने हमास नेता को देश से निकाला, खबर में सच्चाई कम

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अंकारा. तुर्की सरकार के एक अधिकारी ने ‘द टाइम्स ऑफ इज़रायल’ को बताया कि अल-मॉनिटर की वह रिपोर्ट, जिसमें दावा किया जा रहा है कि राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने इस्माइल हानिया सहित हमास नेतृत्व को देश से बाहर निकाल दिया है, ‘सच नहीं है.’ अल-मॉनिटर के पत्रकार फहीम तस्तेकिन ने दावा किया था कि 7 अक्टूबर के बाद तुर्की के अधिकारियों ने हानिया को “विनम्रतापूर्वक भेज दिया” था, जब इजरायली नागरिकों के खिलाफ हमास की बर्बरता के बारे में दुनिया की राजधानियों और मीडिया में खबर फैल रही थी, उस वक्त हमास नेता का धन्यवाद प्रार्थना करते हुए एक वीडियो सामने आया था.

इससे पहले, अल-मॉनिटर ने अपने सूत्रों के हवाले से बताया था कि 7 अक्टूबर को जब आतंकवादियों ने इजरायल पर हमला किया था, तब हमास नेता इस्माइल हानिया इस्तांबुल में थे, एक फुटेज में उन्हें और अन्य सदस्यों को आतंकियों की घुसपैठ की खबर को देखने के दौरान “कृतज्ञता की प्रार्थना” करते हुए दिखाए जाने के बाद वहां से भेज दिया गया था. इस बीच, इजरायली युद्धक विमानों ने सोमवार तड़के पूरे गाजा के अलग-अलग इलाकों में हमले किए. इसमें वह क्षेत्र भी शामिल हैं, जहां फलस्तीनी नागरिकों को शरण लेने के लिए कहा गया था. यह हमला फिलिस्तीन के हमास शासित क्षेत्र में मानवीय सहायता की एक और खेप ले जाने की अनुमति दिये जाने के बाद किया गया.

माना रहा है कि इजरायल सात अक्टूबर को हमास के अप्रत्याशित हमले की प्रतिक्रिया के रूप में गाजा में जमीनी आक्रमण शुरू करने की तैयारी में है. सीमा पर टैंक और हजारों सैनिक लामबंद हो चुके हैं. इजरायल का कहना है कि उसने अगले चरण में सैन्य जोखिम को कम करने के लिए हवाई हमले बढ़ा दिए हैं. दोनों पक्षों में जारी संघर्ष के बीच क्षेत्र में बड़े पैमाने पर युद्ध की आशंकाएं बढ़ गई हैं. हाल के दिनों में इजरायली युद्धक विमानों ने सीरिया, लेबनान और इजरायल के कब्जे वाले वेस्ट बैंक में कई ठिकानों को निशाना बनाया है. उसका चरमपंथी संगठन हिज्बुल्लाह के साथ भी अक्सर आमना-सामना होता रहा है. हिज्बुल्ला के पास हजारों रॉकेट हैं.

इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार को उत्तरी इजरायल में सैनिकों से कहा कि अगर हिज्बुल्ला युद्ध शुरू करता है, “तो वह अपने जीवन की बड़ी गलती करेगा. हम अपनी ताकत से उसे इस कदर कुचल देंगे, जिसकी वह कल्पना भी नहीं कर सकता. इसके परिणाम उसके (हिज्बुल्ला) और लेबनान के लिये विनाशकारी होंगे.”

साभार : न्यूज़18

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