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जर्मनी ने फिलिस्तीन लेखिका का सम्मान किया रद्द, अदानिया के कार्यक्रम भी नहीं होंगे

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बर्लिन. जर्मनी के फ्रैंकफर्ट पुस्तक मेले (Frankfurt book fair ) के आयोजकों ने फिलिस्तीन लेखक अदानिया शिबली (Adania Shibli Palestinian novelist) को मिलने वाले अवार्ड और उनके प्रोग्राम को रदद् कर दिया है. मेले के एक प्रवक्ता ने कहा कि शिबली और उनकी किताब के अनुवादक के साथ मेले में होने वाली सार्वजनिक चर्चा भी रद्द कर दी गई है. यह कार्रवाई हाल ही में हमास द्वारा इजरायल पर किए गए हमले और इजरायल की आवाज को बुलंद करने के मकसद से किया गया है. हालांकि, आयोजकों के इस फैसले की दुनियाभर के लेखकों और साहित्यिक संघों सहित कई देशों ने आलोचना की है, और आयोजकों के इस फैसले का गलत बताया है. मलेशियाई सरकार ने कहा है कि वह इस आयोजन का बहिष्कार करेगा.

गौरतलब है कि बर्लिन और जेरूसलम में अपनी जिंदगी के कई साल गुजारने वाली फिलिस्तीनी उपन्यासकार अदानिया शिबली को फ्रैंकफर्ट पुस्तक मेले में ’विकासशील दुनिया के साहित्य’ के तहत उनके उपन्यास ’माइनर डिटेल’ के लिए उन्हें नेशनल बुक पुरस्कार 2020 से सम्मनित किया जाना था. यह उपन्यास, 1949 के युद्ध का लेखा-जोखा है, जिसमें अरबों और यहूदियों के बीच आपसी झड़पों में हजारों फिलिस्तीनियों को उनके घरों से निकाल देने की व्यथा लिखी गई है. जर्मन सरकार और फ्रैंकफर्ट पुस्तक मेले द्वारा वित्त पोषित पुरस्कार का प्रबंधन करने वाली संस्था ‘लिटप्रोम’, ने कहा कि वह इज़राइल के खिलाफ युद्ध की वजह से शिबली का पुरस्कार स्थगित कर रही है. मेले के आयोजकों ने कहा कि वह इजरायल पर हमास के अभूतपूर्व हमले के बाद इजरायली और यहूदी आवाजों को सामने रखना चाहता था, जिसमें 1,300 से ज्यादा इजराइली नागरिक मारे गए हैं.

मेले के निदेशक, जुएर्गन बूस, जो लिटप्रोम के अध्यक्ष भी हैं, ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया, “फ्रैंकफर्ट पुस्तक मेला इज़राइल के पक्ष में पूरी एकजुटता के साथ खड़ा है.“ बूस ने यह भी कहा, “इजरायल के खिलाफ जंग ने हमारे कार्यक्रम पर प्रभाव डाला है… हालांकि, आतंक को कभी भी जीतने की अनुमति नहीं दी जा सकती है, यही वजह है कि हम यहूदी और इजरायली आवाजों को मेले में विशेष महत्व देना चाहते हैं.

एक खुले पत्र में, 1300 से ज्यादा लेखकों ने फिलिस्तीनी लेखिका के अवार्ड को रद्द करने की निंदा की है और उनमें से कई लेखकों ने इस सम्मेलन में जाने से इंकार कर दिया है. अब्दुलराजाक गुरनाह, एनी एर्नाक्स और ओल्गा टोकरज़ुक जैसे नोबेल पुरस्कार विजेता और बुकर पुरस्कार विजेता ऐनी एनराइट, रिचर्ड फ़्लानगन और इयान मैकएवान ने भी इस कदम की आलोचना की है. मशहूर सीरियाई नाटककार मोहम्मद अल अत्तार और सीरियाई लेखिका राशा अब्बास ने कहा कि वे मेले का बहिष्कार करेंगे. मुस्लिम-बहुल मलेशिया के शिक्षा मंत्रालय ने आयोजकों पर इज़राइल समर्थक रुख अपनाने का आरोप लगाया है.

साभार : जी न्यूज़

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