नई दिल्ली (मा.स.स.). भारतीय सौर ऊर्जा निगम (एसईसीआई) ने 35 बिलियन यूनिट से अधिक का कारोबार किया है, जो पिछले वर्ष 2022-2023 की तुलना में नवीकरणीय ऊर्जा बिजली व्यापार में 59 प्रतिशत से अधिक की छलांग है। भारतीय सौर ऊर्जा निगम की स्थापना के बाद पहली बार बिजली व्यापार राजस्व 10,000 करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया है।
इस उपलब्धि के बारे में जानकारी देते हुए प्रबंध निदेशक सुसुमन शर्मा ने बताया कि भारत अभूतपूर्व गति से स्थायी स्रोतों की ओर ऊर्जा परिवर्तन को देख रहा है। भारतीय सौर ऊर्जा निगम 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन के 500 गीगावॉट लक्ष्य प्राप्त करने की दिशा में अधिकतम योगदान करने के लिए कड़ा परिश्रम कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यह घोषणा की है। एसईसीआई के कर्मचारियों और प्रबंधन की पूरी टीम इस लक्ष्य के लिए अथक प्रयास कर रही है।
भारतीय सौर ऊर्जा निगम एक मिनिरत्न श्रेणी-I केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम (सीपीएसई) है। इसे वर्ष 2011 में शामिल किया गया था। यह भारत सरकार की अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं को पूरा करने की दिशा में अक्षय ऊर्जा योजनाओं/परियोजनाओं को पूरा करने के लिए नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की प्राथमिक कार्यान्वयन एजेंसी है।
अब तक भारतीय सौर ऊर्जा निगम ने 56 गीगावॉट से अधिक की अक्षय ऊर्जा परियोजना क्षमता प्रदान की है। निगम स्वयं के निवेशों के साथ-साथ अन्य सार्वजनिक क्षेत्र की संस्थाओं के लिए परियोजना प्रबंधन सलाहकार (पीएमसी) के रूप में परियोजनाओं की स्थापना में भी सक्रिय है। भारतीय सौर ऊर्जा निगम को निवेश सूचना और क्रेडिट रेटिंग एजेंसी (आईसीआरए) ने प्रमाणीकरण प्राधिकरण और लेखा (एएए) की उच्चतम क्रेडिट रेटिंग दी है।
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