नई दिल्ली (मा.स.स.). भारतीय सिविल लेखा सेवा (2018-2021 बैच) के अधिकारियों ने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से मुलाकात की। अधिकारियों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि वे देश के वित्तीय प्रशासन में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेंगे। उन्होंने कहा कि युवा सिविल सेवकों के रूप में उनसे (अधिकारियों) सार्वजनिक प्रशासन में उत्कृष्टता का प्रयास करने और संविधान में प्रदत्त मूल्यों को बनाए रखने की अपेक्षा की जाती है। राष्ट्रपति ने कहा कि वे जिस भी संगठन या विभाग में तैनात हों, उन्हें अपने कार्य के उद्देश्यों का पता होना चाहिए। प्रक्रिया का पालन करते हुए उद्देश्य से भटकना नहीं चाहिए। राष्ट्रपति ने अधिकारियों से आग्रह किया कि वे सार्वजनिक कल्याण और देश के समावेशी विकास के उद्देश्य से काम करें।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय सिविल लेखा सेवा ने यह सुनिश्चित किया है कि लेखा प्रक्रिया और लेखा रिपोर्ट सरकार में वित्तीय जवाबदेही सुनिश्चित करने और लोक प्रशासन में पारदर्शिता लाने का साधन बने। सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन की एक ठोस प्रणाली देश में न्यायसंगत और समावेशी विकास को बढ़ावा देने में मदद करती है। उन्होंने कहा कि देश में सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन के प्रमुख संचालकों के रूप में भारतीय सिविल लेखा सेवा के अधिकारियों से उन प्रणालियों को डिजाइन, विकसित और कार्यान्वित करने की अपेक्षा की जाती है, जो अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में भी एक आदर्श बनते हैं।
उन्होंने कहा कि यांत्रिकीकरण और प्रौद्योगिकी के उपयोग ने देश में शासन के मानक बदल दिए हैं। हमने शासन प्रणालियों में प्रौद्योगिकी के उपयोग में तेज बदलाव देखा है। डिजिटाइजेशन और ऑनलाइन सर्विस डिलीवरी से लोक प्रशासन में काफी हद तक पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ी है। नए लेखा सॉफ्टवेयर और क्लाउड स्टोरेज प्रौद्योगिकियों के आने से लेखांकन प्रक्रियाओं के अधिक सहज और सटीक होने की संभावना है।
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