जयपुर. अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) सरकार के बर्खास्त राज्यमंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा (Rajendra Singh Gudha)ने अपना ट्विटर बायो बदल दिया है. उन्होंने अपने ट्विटर बायो में लिखा है, राजस्थान विधानसभा में महिलाओं के खिलाफ अपराध का मुद्दा उठाने के कारण बर्खास्त कांग्रेस (Congress) का मंत्री. अशोक गहलोत ने गुढा को अनुशासनहीनता के आरोप में मंत्रिमंडल से हटा दिया था. इसके बाद से ही गुढा सुर्खियों में छाए हुए हैं. वो इन दिनों अपने विधानसभा क्षेत्र उदयपुरवाटी में ‘ऊंट गाड़ा यात्रा’निकाल रहे हैं. इसमें भी वो महिला सुरक्षा का मुद्दा उठा रहे हैं.
राजेंद्र गुढ़ा की धमकी
‘ऊंटगाड़ा यात्रा’ के दौरान आयोजित सभाओं में राजेंद्र गुढ़ा ने कहा, ”गहलोत सरकार के ताबूत में आखिरी कील ठोकने का काम मैं करुंगा. मंत्रिमंडल का नार्को टेस्ट करवाइए, अगर 60 फीसदी मंत्री बलात्कारी नहीं निकले तो राजनीति छोड़ दूंगा. ” उन्होंने कहा कि ‘ऊंटगाड़ा यात्रा’ अगले 10-11 दिन में उदयपुरवाटी क्षेत्र को कवर कर लेगी. उसके बाद बड़ी सभा होगी. इसमें यात्रा को प्रदेश स्तरीय रूप देने पर चर्चा होगी.
इस बीच सरकार गुढा और उनके समर्थकों पर कार्रवाई करती हुई नजर आ रही है. सरकार ने गुढ़ा समर्थक उदयपुरवाटी नगर पालिका के चेयरमैन रामनिवास सैनी को शाम निलंबित कर दिया. उन पर नियमों के खिलाफ जाकर चार बागवानों की भर्ती करने का आरोप था. वहीं गुढा को एक एनआरआई डॉक्टर का अस्पताल कब्जा करने का आरोपी बनाया गया है. यह मामला अगस्त 2020 का है.इस मामले में गुढ़ा के पीए, उसके साले और जयपुर के एक बिल्डर की गिरफ्तारी हो चुकी है.
राजेंद्र गुढ़ा का राजनीतिक सफर
राजेंद्र गुढ़ा ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 2008 में की थी. राजस्थान विधानसभा के 2008 के चुनाव में बसपा ने उन्हें उदयपुरवाटी सीट से टिकट दिया था. इस चुनाव में गुढ़ा ने जीत दर्ज की. उन्हें 28,478 वोट मिले थे. बाद में वो बसपा के पांच अन्य विधायकों के साथ कांग्रेस में शामिल हो गए. उन्हें अशोक गहलोत मंत्रिमंडल में पर्यटन राज्य मंत्री बनाया गया था.इसके बाद 2013 में वो कांग्रेस के टिकट पर उदयपुरवाटी सीट से चुनाव हार गए. इस पर 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने उनका टिकट काट दिया. गुढ़ा फिर बसपा में शामिल हो गए. बसपा ने उन्हें उदयपुरवाटी सीट से टिकट भी दिया. इस बार उन्होंने 59362 वोट लाकर जीत दर्ज की. बाद में गुढ़ा बसपा को छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए. अशोक गहलोत सरकार में फिर उन्हें राज्यमंत्री के रूप में शामिल किया गया. वो सरकार में सैनिक कल्याण (स्वतंत्र प्रभार), होमगार्ड और नागरिक सुरक्षा (स्वतंत्र प्रभार), पंचायती राज और ग्रामीण विकास मंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे थे.
साभार : एबीपी न्यूज़
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