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इजरायल मुद्दे पर मुस्लिम देशों का कम समर्थन मिलने पर ईरान ने जताई नाराजगी

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तेहरान. इजरायल की ओर से गाजा पट्टी में हो रहे हमलों पर ईरान लगातार सख्त रुख दिखा रहा है। ईरान की ओर से इजरायल को सख्त लहजे में हमले रोकने के लिए कहा जा रहा है तो उसने मुल्कों से भी इस मुद्दे पर एक होने के लिए कहा है। ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने कहा है कि एक यूनिफाइड मुस्लिम फ्रंट होता तो गाजा में इजरायल के हमलों को रोक सकता था। उन्होंने कहा कि ये बहुत दुख की बात है कि मुस्लिम देशों के बीच एकता नहीं है। जिसका इजरायल जमकर फायदा उठा रहा है।

रईसी ने गाजा में चल रहे संघर्ष पर कमेंट करते हुए कहा, मुस्लिम दुनिया की एकजुटता इजरायल की आक्रामकता और उसके पश्चिमी समर्थकों की ज्यादतियों को प्रभावी तरीके से रोक सकती थी। इसके साथ-साथ मुस्लिम जगत में बेहतर समन्वय बाहरी देशों के हस्तक्षेप को रोकने में भी अहम बन सकती है। ऐसे में मुस्लिम मुल्कों को चाहिए कि वो एकता के साथ एक मंच पर आएं और तालमेल स्थापित करें। रईसी ने तेहरान के एक कार्यक्रम में ये बातें कहीं। जिसमें ईरान में सऊदी अरब के राजदूत अब्दुल्ला बिन सऊद अल-अनाजी भी शामिल थे।

इजरायल ने हमले ना रोके तो फैल सकती है जंग

ईरान के राष्ट्रपति के अलावा विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियन भी इजरायल-हमास संघर्ष पर कड़ा बयान दे चुके हैं। ईरान के विदेश मंत्री स्पष्ट तौर पर कह चुके हैं कि इजरायल ने गाजा पर हमले नहीं रोके तो फिर इस क्षेत्र में कुछ भी हो सकता है। इसके बेहद खराब परिणाम सामने आएंगे, जिसका पूरे क्षेत्र पर असर होगा।

हमास के हमले के बाद से ही चर्चा में है ईरान

हमास ने 7 अक्टूबर को इजरायल पर बड़ा हमला किया था। जिसमें करीब 1400 लोगों की जान चली गई। इस हमले के बाद से ही लगातार इजरायल और अमेरिका ईरान की ओर ऊंगली उठा रहे हैं। इस तरह की कई मीडिया रिपोर्ट आई हैं, जिनमें कहा गया है कि हमास को ईरान समर्थन कर रहा है। इतना ही नहीं 7 अक्टूबर को हमला भी हमास ने ईरान के समर्थन से किया है। हालांकि ने ईरान ने इस दावे को पूरी तरह से गलत बताया है। वहीं इजरायल की ओर से ईरान पर आतंकी संगठनों को शह देने का आरोप तो लगाया गया है लेकिन इस बात का कोई सबूत नहीं दिया है, जो ईरान की हमास के हमले में भूमिका को साबित करे।

साभार : नवभारत टाइम्स

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