नई दिल्ली (मा.स.स.). खादी और ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष मनोज कुमार ने मुंबई स्थित केवीआईसी मुख्यालय में खादी उत्सव- 23 का शुभारंभ किया। उद्घाटन अवसर पर केवीआईसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विनीत कुमार और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। खादी उत्सव 27 जनवरी से शुरू होकर 24 फरवरी, 2023 तक चलेगा।
अपने उद्घाटन भाषण में कुमार ने कहा कि खादी और ग्रामोद्योग आयोग को इस देश के सबसे पिछड़े तथा गरीब लोगों को आजीविका उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। उन्होंने कहा कि खादी उत्सव जैसे कार्यक्रम और प्रदर्शनियां खादी संस्थानों, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम- पीएमईजीपी और पारंपरिक उद्योगों के उन्नयन एवं पुनर्निर्माण के लिए कोष की योजना- स्फूर्ति के तहत हजारों कारीगरों के उत्पादों को सीधे ग्राहकों के हाथों में बेचने के लिए एक मंच प्रदान करते हैं। कुमार ने देश के अन्य हिस्सों के साथ-साथ विदेशों में भी इस तरह के आयोजनों को बड़ी संख्या में आयोजित करने पर जोर दिया।
केवीआईसी के अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा देश की जनता से खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों को खरीदने के आह्वान के बाद उनकी बिक्री में अप्रत्याशित रूप से बढ़ोतरी हुई है। मनोज कुमार ने देश से अपील करते हुए कहा कि हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण “वोकल फॉर लोकल एंड लोकल टू ग्लोबल” वाले स्वप्न को वास्तव में पूरा करने के लिए आगे आएं। अध्यक्ष ने केवीआईसी के अधिकारियों व कर्मचारियों को ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले गरीब जनों के उत्थान की जिम्मेदारी निभाने के लिए भी प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि नवंबर माह में दिल्ली में आयोजित आईआईटीएफ-2022 में अब तक की सर्वाधिक 12 करोड़ रुपये से ज्यादा की बिक्री होना इसका जीता जागता उदाहरण है। केवीआईसी के अध्यक्ष ने बताया कि इस साल 2 अक्टूबर को गांधी जयंती पर खादी इंडिया के दिल्ली विक्रय केंद्र ने एक बार फिर एक ही दिन में 1.34 करोड़ रुपये की खादी उत्पाद बिक्री का नया रिकॉर्ड बनाया है। गौरतलब है कि पिछले वर्ष खादी और ग्रामोद्योग से निर्मित उत्पादों की रिकॉर्ड एक लाख पंद्रह हजार करोड़ रुपये की बिक्री हुई थी। इसके अलावा, अक्टूबर के महीने में आयोजित खादी उत्सव-2022 में 3.03 करोड़ रुपये की बिक्री दर्ज की गई।
केवीआईसी के अध्यक्ष ने सभी से खादी उत्सव का व्यापक प्रचार करने तथा देश के गरीब सूत कातने वालों, बुनकरों, महिलाओं एवं कारीगरों के लिए सम्मानजनक तरीके से रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से खादी और ग्रामोद्योग से उत्पादित वस्तुओं की खरीदारी करने की अपील की। उन्होंने नगालैंड की खादी बुनकर निहुनुओ सोरही को उनके पद्म पुरस्कार और संत कबीर पुरस्कार मिलने तथा पद्म से ही सम्मानित केरल के अनुभवी खादी वी पी अप्पुकुट्टन पोडुवल को बधाई दी।
इस खादी उत्सव में, खादी एवं ग्रामोद्योग संस्थान तथा खादी और ग्रामोद्योग आयोग से संबद्ध देश के विभिन्न हिस्सों से आने वली पीएमईजीपी इकाइयां अपने उत्पादों को प्रदर्शन व बिक्री के लिए प्रदर्शित कर रही हैं। इनमें सूती खादी के अलावा खादी सिल्क, पश्मीना, पॉली वस्त्रा, पटोला सिल्क, कलमकारी साड़ी, कांजीवरम सिल्क, हल्के भार वली सॉफ्ट सिल्क साड़ी, टसर सिल्क, फुलकारी ड्रेस सामग्री और खादी के कपड़े से बने अन्य आकर्षक परिधान, मधुबनी प्रिंट, सूखे मेवे, चाय, कहवा, सौंदर्य के हर्बल व आयुर्वेदिक उत्पाद, शहद पदार्थ, हस्त कागज उत्पाद, गृह सज्जा उत्पाद, बांस उत्पाद, कालीन, एलोवेरा उत्पाद, चमड़े के उत्पाद तथा कई अन्य खादी और ग्रामोद्योग उत्पाद उपलब्ध हैं।