गुरुवार, नवंबर 21 2024 | 10:57:57 PM
Breaking News
Home / राज्य / छत्तीसगढ़ / छत्तीसगढ़ में पहली बारिश में गिरा 17 करोड़ की लागत से बना पुल

छत्तीसगढ़ में पहली बारिश में गिरा 17 करोड़ की लागत से बना पुल

Follow us on:

रायपुर. छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है. यहां धमधा ब्लॉक के सगनी घाट में शिवनाथ नदी पर बन रहे पुल का स्ट्रक्चर पहली बारिश में ही भरभरा कर ढह गया. पुल ढहने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है. निर्माण एजेंसी ने कुछ दिन पहले ही पुल बनाने का स्ट्रक्चर खड़ा किया है. पिछले 4 दिनों से लगातार दुर्ग जिले में बारिश हो रही है. जिले में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. लगातार बारिश होने के कारण शिवनाथ नदी उफान पर है. बताया जा रहा है कि 400 मीटर का लंबा पुल बनाने के लिए 1640.62 लाख की स्वीकृति मिली है.

सगनी घाट में बन रहा ये पुल सिल्ली और ननकट्टी गांव को जोड़ने के लिया बनाया जा रहा है. इस सगनी घाट को त्रिवेणी संगम के नाम से जाना जाता है. क्योंकि सगनी घाट में शिवनाथ नदी, आमनेर नदी और सगनी नाला एक साथ आकर मिलते है. पुल का निर्माण कार्य 11 नवंबर 2020 को शुरू हुआ था. 16 महीने यानी 11 अप्रैल 2022 को इसकी कार्य अवधि पूरी कर ली जानी थी. पुल निर्माण कंपनी अमर इंफ्रास्ट्रक्चर से अनुबंध किया गया है. पुल निर्माण के ईईडी के माहेश्वरी ने बताया कि निर्माण एजेंसी को बारिश से पूर्व कार्य बंद किए जाने का निर्देश जारी किया गया था. उसके बावजूद निर्माण कार्य जारी रखा था. अचानक से जब नदी का जलस्तर बढ़ा, तो पुल निर्माण में लगा सेंट्रिंग भरभराकर नीचे गिरा और पानी में बह गया. लापरवाही के आरोप में निर्माण एजेंसी को शोकॉज नोटिस जारी किया जाएगा.

माहेश्वरी ने बताया कि अमर इंफ्रा स्ट्रक्चर एजेंसी के द्वारा असरनारा से पथरिया गांव जाने वाले पुल का निर्माण किया जा रहा है, जहां का भी एक स्ट्रक्चर का भी यही स्थिति है. ये कभी भी गिर सकता है. बता दें कि दुर्ग संभाग में पिछले चार दिनों से लगातार बारिश हो रही है, जिसके कारण मोगरा जलाशय से 24 हजार क्यूसेक पानी शिवनाथ नदी में छोड़ा गया है. बढ़ते जलस्तर को सगनी घाट में बनाए जा रहे इस पुल का स्ट्रक्चर सहन नहीं कर पाया. सगनी घाट नदी के ऊपर बने इस 400 मीटर लंबे ब्रिज के ऊपर चढ़कर लोग शिवनाथ नदी के बाढ़ के पानी को देखने के लिए पहुंचते हैं. ब्रिज में अभी तक न तो कोई रेलिंग बनी है और न ही कोई सुरक्षा के इंतजाम हैं. ऐसे में जान का खतरा भी बना हुआ है.

साभार : एनडीटीवी

भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

https://www.amazon.in/dp/9392581181/

https://www.flipkart.com/bharat-1857-se-1957-itihas-par-ek-drishti/p/itmcae8defbfefaf?pid=9789392581182

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

नक्सलियों के हमले में गश्त से लौट रहे 2 आईटीबीपी जवानों का बलिदान

रायपुर. छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में विस्फोट थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब …