नई दिल्ली. दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने गुरुवार को बड़ी कार्रवाई की। उन्होंने दिल्ली महिला आयोग से 223 कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से हटाने का आदेश दे दिया। आरोप है कि डीसीडब्ल्यू की तत्कालीन अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने नियमों के खिलाफ जाकर बिना अनुमति के इन कर्मचारियों की नियुक्ति की। स्वाति मालीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एलजी पर हमला बोला।
स्वाति मालीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि दिल्ली महिला आयोग ने कई काम किये हैं। एलजी कह रहे हैं कि सभी संविदा कर्मियों को बर्खास्त करें क्योंकि नियुक्तियां अवैध हैं। अगर ऐसा हुआ तो डीसीडब्ल्यू बंद हो जायेगा। 90 कर्मचारियों में से केवल आठ लोग नियमित कर्मचारी हैं, जबकि बाकी संविदा कर्मचारी हैं, जो तीन महीने के अनुबंध पर काम कर रहे हैं। रोज 500 महिला आती हैं तो काम कैसे होगा। दिल्ली में रोज महिलाओं के खिलाफ अपराध होते हैं। दिल्ली महिला आयोग में एसिड अटैक पीड़िता भी काम करती हैं। जिन महिलाओं पर जुल्म हुआ है, वे काम करती हैं।
उन्होंने आगे कहा कि लड़ाई मुझ से है। दिल्ली महिला आयोग को बंद न करें। दिल्ली में ऐसा काम करना है कि महिला की तरफ कोई भी बुरी नजर से नहीं देख पाएगा। छह माह से वेतन नहीं मिलता है। नौ माह से स्टाफ की मांग कर रहे हैं। दिल्ली महिला आयोग कानूनी सलाह लेगा। दिल्ली महिला आयोग मंजूरी कैसे लेगा। टीम की जरूरत है। स्टाफ तो देना चाहिए। ये एसिड अटैक वाले ही स्टाफ हैं। उन्हें पता है कि दर्द क्या होता है। पिछले नौ साल से काम कर रहे थे। उस समय क्यों नहीं किया था।
स्वाति मालीवाल ने सोशल मीडिया पर कही यह बात
स्वाति मालीवाल ने एक्स पर लिखा, ‘एलजी साहब ने डीसीडब्ल्यू के सारे कॉन्ट्रैक्ट स्टाफ को हटाने का एक तुगलकी फरमान जारी किया है। आज महिला आयोग में कुल 90 स्टाफ है जिसमें सिर्फ आठ लोग सरकार द्वारा दिये गये हैं, बाकी सब तीन-तीन महीने के कॉन्ट्रैक्ट पर हैं। अगर सब कॉन्ट्रैक्ट स्टाफ हटा दिया जाएगा, तो महिला आयोग पर ताला लग जाएगा। ऐसा क्यों कर रहे हैं ये लोग? खून पसीने से बनी है ये संस्था। उसको स्टाफ और सरंक्षण देने की जगह आप जड़ से खत्म कर रहे हो? मेरे जीते जी मैं महिला आयोग बंद नहीं होने दूंगी। मुझे जेल में डाल दो, महिलाओं पर मत ज़ुल्म करो!’
साभार : अमर उजाला
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