लखनऊ. हिंसा प्रभावित संभल जाने को लेकर कांग्रेस समर्थक और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के बीच सुबह से गाजियाबाद के गाजीपुर और दिल्ली बॉर्डर पर नोकझोंक चलती रही है. एक तरफ जहां पुलिस ने संभल में BNS की धारा 163 का हवाल देकर राहुल गांधी और उनके काफिले को रोका दिया तो वहीं इस सियासी ड्रामे के बीच आम जनता पीसती रही. किसी को भाई के अंतिमसंस्कार में शामिल होना था तो किसी को दफ्तर या फिर जरूरी काम से जाना था. जाम की वजह से परेशान जब जनता ने राहुल गांधी मुर्दाबाद के नारे लगाए तो कांग्रेसी मारपीट पर उतारू हो गए. कांग्रेसियों ने जाम खुलवाने की कोशिश कर रहे आम जनता को ही पीटना शुरू कर दिया. इसका वीडियो भी वायरल है.
दरअसल, अडानी के भ्रष्टाचार मुद्दे पर इंडिया ब्लॉक के दो प्रमुख घटक समाजवादी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस से समर्थन न मिलता देख कांग्रेस बैकफुट पर आ गई. उधर मुस्लिम वोट बैंक सहेजने की कोशिश में समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने अलग स्टैंड लिया और लोकसभा में संभल हिंसा मुद्दे को जोरशोर से उठाया. इसके बाद डैमेज कण्ट्रोल में जुटी कांग्रेस की तरफ से ऐलान किया गया कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के नेतृत्व में एक डेलीगेशन बुधवार सुबाह संभल जाएगा और हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों से मुलाक़ात करेगा. संभल प्रशासन की रोक के बावजूद राहुल गांधी और उनका काफिला बुधवार को संभल के लिए रवाना हुआ, लेकिन गाजियाबाद पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हुए थे. पुलिस की बैरिकेडिंग और कांग्रेसियों के हुजूम की वजह से दिल्ली-गाजीपुर बॉर्डर पर सुबह से ही कई किलोमीटर लंबा जाम लगा रहा.
राहुल के खिलाफ नारेबाजी से भड़के कांग्रेसी
जाम में फंसे कई लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचना था. एसपी त्यागी नाम के एक बुजुर्ग को अपने भाई की अंतिम यात्रा में शामिल होना था. वे करीब डेढ़ घंटे से जाम में फंसे थे. उन्होंने जाम खोलने की गुहार भी लगाई, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. इसके बाद जाम में फंसे लोगों का गुस्सा फूट पड़ा. लोगों ने राहुल गांधी मुर्दाबाद के नारे लगाने शुरू कर दिए. जिस पर वहां मौजूद कांग्रेसी भड़क गए और जनता को ही पीटने और उनसे गाली गलौज करने लगे. हलांकि, पुलिस की सख्ती के बाद राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वापस दिल्ली लौट गए, लेकिन जिस तरह से जनता परेशान हुई उससे यही लग रहा है कि कांग्रेस ने इस मुद्दे पर सेल्फ गोल किया है.
सियासी दौरे का खमियाजा भुगत रही जनता
दरअसल, संभल डीएम की तरफ से 10 दिसंबर तक किसी भी जनप्रतिनिधि या बाहरी व्यक्ति के शहर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी है. बावजूद इसके कांग्रेस और समाजवादी पार्टी वहां जाने का प्रयास कर रही है. लोकतंत्र और संविधान की दुहाई देकर सड़क पर की जा रही इस सियासत का खमियाजा आखिरकार आम जनता को भुगतना पड़ा. जब जनता ने विरोध किया तो कांग्रेस कार्यकर्ताओं की मार खानी पड़ी.
साभार : न्यूज़18
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