तेहरान. ब्रिटेन चुनाव के बाद सभी लोगों की नजर ईरान के चुनाव पर थी. क्योंकि यहां लंबे समय से महसा अमिनी की मौत के बाद माहौल काफी तनावपूर्ण था. खबर है कि ईरान के सुधारवादी उम्मीदवार मसूद पेज़ेश्कियान ने शनिवार को कट्टरपंथी सईद जलीली के खिलाफ राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल कर ली है. चुनाव नतीजों के मुताबिक़ अब तक गिने गए तीन करोड़ वोटों में से डॉ. मसूद पेज़ेश्कियान को 53.3 फीसदी वोट मिले हैं जबकि जलीली को 44.3 फीसदी वोट मिले हैं.
साल 2022 में महसा अमिनी की मौत के बाद ईरानी सांसद मसूद पेज़ेश्कियान ने लिखा कि ‘इस्लामिक रिपब्लिक में किसी लड़की को उसके हिजाब के लिए गिरफ्तार करना और फिर उसके शव को उसके परिवार को सौंपना अस्वीकार्य है.’ कुछ दिनों बाद, जब देशव्यापी विरोध प्रदर्शन और सभी असहमति पर खूनी कार्रवाई जोर पकड़ने लगी, तो उन्होंने चेतावनी दी कि जो लोग ‘सर्वोच्च नेता का अपमान कर रहे हैं… वे समाज में लंबे समय तक चलने वाले गुस्से और नफरत के अलावा कुछ नहीं पैदा करेंगे.’
पेज़ेश्कियान के सामने बहुत बड़ी चुनौती
ईरान के 28 जून के राष्ट्रपति चुनाव में इतिहास में सबसे कम मतदान के बाद, पेज़ेश्कियान ने कट्टरपंथी सईद जलीली के 13.5 मिलियन वोटों के मुकाबले 16.3 मिलियन वोट जीते और शुक्रवार के रनऑफ चुनाव में जीत हासिल की. अब उन्हें वर्षों के आर्थिक दर्द और खूनी दमन से नाराज जनता को यह विश्वास दिलाना होगा कि वे अपने वादे के मुताबिक बदलाव ला सकते हैं.
मालूम हो कि ईरान में पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की राष्ट्रपति पद पर रहते हुए इसी साल हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत हो गई थी. इब्राहिम रईसी पूर्वी अज़रबैजान प्रांत में बांध का उद्घाटन करके लौट रहे थे तभी उनका हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया था. इस हादसे में राष्ट्रपति और विदेश मंत्री समेत नौ लोगों की मौत हुई है. इसके बाद ईरान में नए राष्ट्रपति के लिए चुनाव हुआ था.
साभार : न्यूज़18
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