नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ के लाभार्थियों से बातचीत की। कार्यक्रम में देश भर से विकसित भारत संकल्प यात्रा के हजारों लाभार्थी शामिल हुए थे। साथ ही केंद्रीय मंत्री, सांसद, विधायक और स्थानीय स्तर के प्रतिनिधि भी शामिल हुए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक आंध्र प्रदेश के नंदयाला के सैयद ख्वाजा मोहिद्दीन के साथ वर्चुअली बातचीत की। इसके अलावा छत्तीसगढ़ के कनकेर की रहने वाली भूमिका से भी उन्होंने बात की।
ये मेरी प्यारी जातियां
इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा, ‘हम देश की एक बड़ी आबादी को रोजमर्रा की छोटी-छोटी जरूरतों के लिए होने वाले संघर्षों से बाहर निकालना चाहते हैं। इसलिए हमारी सरकार गरीबों, महिलाओं, किसानों और युवाओं के भविष्य पर ध्यान दे रही है। ये मेरी चार जातियां हैं। मेरी सबसे प्यारी जातियां। अगर यह जातियां मजबूत हो जाएंगी तो हिंदुस्तान का सशक्त होना पक्का है।’
50 दिन पूरे
उन्होंने आगे कहा कि विकासशील भारत संकल्प यात्रा ने अभी दो से तीन दिन पहले ही अपनी यात्रा के 50 दिन पूरे किए हैं। इस यात्रा में 11 करोड़ लोग शामिल हुए हैं। सरकार खुद लोगों तक पहुंच रही है और उन्हें अपनी योजनाओं से जोड़ने की कोशिश कर रही है। विकासशील भारत संकल्प यात्रा देश की यात्रा बन गई है।
मोदी की गारंटी की ये गाड़ी गांव-गांव जा रही
उन्होंने कहा कि समाज में अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक सरकार खुद पहुंच रही है, उसे अपनी योजनाओं से जोड़ रही है। विकसित भारत संकल्प यात्रा सिर्फ सरकार की नहीं बल्कि देश की यात्रा बन चुकी है। विकसित भारत संकल्प यात्रा का सबसे बड़ा मकसद है कि कोई भी हकदार सरकारी योजना के लाभ से छूटना नहीं चाहिए। कई बार जागरूकता की कमी से या दूसरे कारणों से कुछ लोग सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित रह जाते हैं। ऐसे लोगों तक पहुंचना हमारी सरकार अपना दायित्व समझती है। इसलिए मोदी की गारंटी की ये गाड़ी गांव-गांव जा रही है।
इन योजनाओं का लिया लाभ
उन्होंने कहा कि जबसे ये यात्रा शुरू हुई है, तबसे लगभग 12 लाख नए लाभार्थियों ने उज्ज्वला योजना के मुफ्त गैस कनेक्शन के लिए आवेदन किया है। कुछ दिन पहले मैं अयोध्या में उज्ज्वला की 10 करोड़वीं लाभार्थी बहन के घर गया था। विकसित भारत संकल्प यात्रा के दौरान दो करोड़ से ज्यादा गरीबों के स्वास्थ्य की जांच हुई है। इसी समय में एक करोड़ लोगों की टीबी की बीमारी की भी जांच हुई है। 22 लाख लोगों की सिकल सेल एनीमिया की जांच हुई है। ये सारे लोग गांव, गरीब, दलित, पिछड़े और आदिवासी समाज के लोग हैं।
हमारी करोड़ों माताओं बहनों को मिला लाभ
पीएम मोदी ने कहा, ‘मुझे खुशी है कि सरकार के इन प्रयासों का बहुत बड़ा लाभ हमारी करोड़ों माताओं बहनों को मिल रहा है। आज महिलाएं खुद आगे आकर नए-नए कीर्तिमान स्थापित कर रही हैं। पहले ऐसी अनेक बहनें थीं, जिनके पास सिलाई, बुनाई, कढ़ाई जैसी कोई न कोई स्किल थी, लेकिन उनके पास अपना काम शुरू करने के लिए कोई साधन नहीं था। मुद्रा योजना ने उन्हें आने सपनें पूरे करने का भरोसा दिया है। आज गांव-गांव में रोजगार और स्वरोजगार के नए मौके बन रहे हैं’
किसानों को लेकर ये बोले पीएम
उन्होंने कहा कि हमारे देश में किसानों और कृषि नीति को लेकर जो चर्चाएं होती हैं, पहले की सरकारों में उनका दायरा भी बहुत सीमित था। किसान के सशक्तिकरण की चर्चा सिर्फ पैदावार और उसकी उपज की बिक्री के इर्दगिर्द ही सीमित रही। जबकि किसान को अपने दैनिक जीवन में भांति-भांति की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसलिए हमारी सरकार ने किसान की हर मुश्किल को आसान करने के लिए चौतरफा प्रयास किए। पीएम किसान सम्मान निधि के माध्यम से हर किसान को कम से कम 30 हजार रुपये दिए जा चुके हैं। मोदी ने आगे कहा, ‘छोटे किसानों को मुसीबतों से बाहर निकालने के लिए हम निरंतर काम कर रहे हैं। कृषि में सहकारिता को बढ़ावा देना हमारी इसी सोच का परिणाम है।’
आज पांचवीं बार पीएम ने की बातचीत
बीते साल 15 नवंबर को लॉन्च होने के बाद से ऐसा पांचवीं बार हो रहा, जब पीएम मोदी विकसित भारत संकल्प यात्रा के लाभार्थियों से बातचीत कर रहे हैं। यात्रा की लॉन्चिंग के बाद से वे लगातार इन लाभार्थियों से बातचीत कर रहे हैं। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पीएम मोदी ने चार बार- 30 नवंबर, 9 दिसंबर, 16 दिसंबर और 27 दिसंबर को लाभार्थियों संग वार्ता की थी। वहीं, दिसंबर माह में पीएम मोदी ने अपनी वाराणसी यात्रा के दौरान लगातार दो दिन 17 और 18 दिसंबर को इन लाभार्थियों से भौतिक रूप से बातचीत की। विकसित भारत संकल्प यात्रा पूरे देश में सरकार की प्रमुख योजनाओं की संतृप्ति सुनिश्चित करने के उद्देश्य से की जा रही है। ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इन योजनाओं का लाभ सभी लक्षित लाभार्थियों तक समयबद्ध तरीके से पहुंचे।
साभार : अमर उजाला
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