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जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर हाथरस भगदड़ मामले में 6 अधिकारी निलंबित

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लखनऊ. यूपी के हाथरस में भगदड़ से हुई मौतों के मामले में दो सदस्यीय जांच समिति ने जांच रिपोर्ट सौंपी है और कहा है कि साजिश से इंकार नहीं है, गहन जांच की जरूरत है। हाथरस हादसे के लिए कार्यक्रम आयोजक मुख्य जिम्मेदार है और स्थानीय प्रशासन की भी जवाबदेही तय की गई है। आयोजकों की लापरवाही से हाथरस हादसा हुआ था, भीड़ को आमंत्रण देकर पर्याप्त इंतजाम नहीं किए गए।

ये सामने आया है कि स्थानीय पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारियों ने आयोजन को गंभीरता से नहीं लिया और वरिष्ठ अधिकारियों को समुचित जानकारी नहीं दी। जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर एसडीएम, सीओ व तहसीलदार सहित 6 अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया। हाथरस हादसे की गहन जांच के लिए न्यायिक आयोग भी कार्यवाही शुरू कर चुका है। आयोजकों ने बिना पुलिस वेरिफिकेशन जिन लोगों को अपने साथ जोड़ा, उनसे अव्यवस्था फैली।

क्या है पूरा मामला?

जनपद हाथरस के सिकन्दराराऊ में बीते 2 जुलाई को सत्संग के दौरान घटित हादसे के तत्काल बाद गठित एडीजी जोन आगरा और मंडलायुक्त अलीगढ़ की एसआईटी ने 2, 3 और 5 जुलाई को घटना स्थल का निरीक्षण किया था। जांच के दौरान कुल 125 लोगों का बयान लिया गया, जिसमें प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों के साथ आम जनता एवं प्रत्यक्षदर्शियों का बयान भी लिया गया। इसके अलावा, घटना के संबंध में प्रकाशित समाचार की प्रतियां, स्थलीय वीडियोग्राफी, छायाचित्र, वीडियो क्लिपिंग का संज्ञान लिया गया।

जांच समिति की आख्या के प्रमुख बिंदु

  • एसआईटी ने प्रारंभिक जांच में चश्मदीद गवाहों व अन्य साक्ष्यों के आधार पर दुर्घटना के लिए कार्यक्रम आयोजकों को मुख्य रूप से जिम्मेदार माना है।
  • जांच समिति ने अब तक हुई जांच व कार्यवाही के आधार पर हादसे के पीछे किसी बड़ी साजिश से भी इंकार नहीं किया है और गहन जांच की जरूरत बताई है।
  • जांच समिति ने कार्यक्रम आयोजक तथा तहसील स्तरीय पुलिस व प्रशासन को भी दोषी पाया है। स्थानीय एसडीएम, सीओ, तहसीलदार, इंस्पेक्टर, चौकी इंचार्ज द्वारा अपने दायित्व का निर्वहन करने में लापरवाही के जिम्मेदार हैं।
  • उप जिला मजिस्ट्रेट सिकन्दराराऊ द्वारा बिना कार्यक्रम स्थल का मुआयना किये आयोजन की अनुमति प्रदान कर दी गई और वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत भी नहीं कराया।
  • उक्त अधिकारियों द्वारा कार्यक्रम को गंभीरता से नहीं लिया गया और वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत भी नहीं कराया गया। एसआईटी ने संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की संस्तुति की है। उप जिला मजिस्ट्रेट सिकन्दराराऊ, पुलिस क्षेत्राधिकारी सिकन्दराराऊ, थानाध्यक्ष सिकन्दराराऊ, तहसीलदार सिकन्दराराऊ, चौकी इन्चार्ज कचौरा एवं चौकी इन्चार्ज पोरा को शासन द्वारा निलंबित कर दिया गया है।
  • आयोजकों ने तथ्यों को छिपाकर कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति ली। अनुमति के लिए लागू शर्तों का अनुपालन नहीं किया गया। आयोजकों द्वारा अप्रत्याशित भीड़ को आमंत्रित कर पर्याप्त एवं सुचारु व्यवस्था नहीं की गई। न ही कार्यक्रम के लिए स्थानीय प्रशासन द्वारा दी गई अनुमति की शर्तों का पालन किया गया।
  • आयोजक मंडल से जुड़े लोग अव्यवस्था फैलाने के दोषी पाए गए हैं। इनके द्वारा जिन लोगों को बिना विधिवत पुलिस वेरिफिकेशन के जोड़ा गया, उनसे अव्यवस्था फैली।
  • आयोजक मंडल द्वारा पुलिस के साथ दुर्व्यवहार किया गया। स्थानीय पुलिस को कार्यक्रम स्थल पर निरीक्षण से रोकने का प्रयास किया गया।
  • सत्संगकर्ता और भीड़ को बिना सुरक्षा प्रबंध के आपस में मिलने की छूट दी गई। भारी भीड़ के दृष्टिगत यहां किसी प्रकार की बैरीकेटिंग अथवा पैसेज की व्यवस्था नहीं बनाई गई थी और दुर्घटना घटित होने पर आयोजक मंडल के सदस्य घटना स्थल से भाग गए।

साभार : इंडिया टीवी

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