जयपुर. रेप केस में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम को जोधपुर हाईकोर्ट से 7 दिन की पैरोल मिली है।आसाराम को पुणे के माधोबाग आयुर्वेदिक हॉस्पिटल में इलाज के लिए पैरोल दी गई है। आसाराम की पैरोल जस्टिस पुष्पेंद्र सिंह भाटी के कोर्ट में मंजूर हुई। आसाराम पिछले चार दिन से जोधपुर एम्स में भर्ती है। आसाराम को 11 साल बाद पैरोल मिली है। आसाराम ने इलाज के लिए पैरोल एप्लिकेशन लगा रखी थी, लेकिन हर बार खारिज हुई।
इससे पहले आसाराम को जोधपुर स्थित निजी आयुर्वेदिक अस्पताल में इलाज के लिए पुलिस कस्टडी में अनुमति दी गई थी। वहां आसाराम ने पुणे के डॉक्टर्स की देखरेख में इलाज करवाया था। इसके बाद वापस तबीयत बिगड़ने पर इसे जोधपुर एम्स में भर्ती किया गया। आसाराम को 25 अप्रैल 2018 को जोधपुर की विशेष POCSO अदालत ने नाबालिग के साथ रेप का दोषी ठहराया था और उम्रकैद की सजा सुनाई थी। आसाराम 2 सितंबर 2013 से जेल में है। दो साल पहले गुजरात की एक अदालत ने आसाराम को 2013 में अपने सूरत आश्रम में एक महिला अनुयायी के साथ कई मौकों पर बलात्कार करने के लिए दोषी ठहराया था।
आसाराम 2 मामलों में गुनहगार : जोधपुर और गांधीनगर कोर्ट के फैसलों में भी दोषी
जोधपुर कोर्ट : आसाराम को जोधपुर पुलिस ने इंदौर के आश्रम से साल 2013 में गिरफ्तार किया था। इसके बाद से आसाराम जेल में बंद था। पांच साल तक लंबी सुनवाई के बाद 25 अप्रैल 2018 को कोर्ट ने आसाराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
गांधीनगर कोर्ट : आसाराम के खिलाफ गुजरात के गांधीनगर में आश्रम की एक महिला ने रेप का मामला दर्ज करवाया था। कोर्ट ने 31 जनवरी 2023 को इस मामले में आसाराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
सबसे अनोखी बीमारी त्रिनाड़ी शूल, जेल में महिला वैद्य की मांग की थी
31 अगस्त 2013 को आसाराम को जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद कर दिया गया था। जेल में भर्ती करते समय जब पुलिस ने आसाराम का मेडिकल चेकअप करवाया था। आसाराम स्वस्थ था। उसे कोई भी बीमारी नहीं थी। जेल में जाने के एक महीने बाद ही आसाराम ने पहली बार अपनी त्रिनाड़ी शूल बीमारी का जिक्र किया था। 4 सितंबर 2013 को याचिका लगाते हुए कहा था- करीब साढ़े 13 साल से मैं त्रिनाडी शूल नाम की बीमारी से ग्रसित हूं। मेरा इलाज पिछले 2 से 3 वर्ष से महिला वैद्य नीता कर रही थी। मेरे इलाज के लिए नीता को 8 दिन तक सेंट्रल जेल में आने की अनुमति दी जाए। इस पर मेडिकल बोर्ड से आसाराम का चेकअप करवाया था। डॉक्टर को ऐसी कोई बीमारी मिली ही नहीं थी।
आसाराम ने कहा था- मुझे इतनी बीमारियां कि अंगुलियों पर नहीं गिन पा रहा
आसाराम ने कोर्ट में एफिडेविट फाइल किया था, जिसमें आसाराम ने बताया कि जब वह जेल से बाहर था, तब उसे महज दो बीमारियां थीं- त्रिनाड़ी शूल और पीठ का दर्द। लेकिन, जेल के वातावरण और पुलिस हिरासत में तनाव के कारण स्वास्थ्य इतना बिगड़ गया है कि वह अब अपने शरीर की बीमारियां अंगुलियों पर गिन भी नहीं पाता।
साभार : दैनिक भास्कर
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