शुक्रवार, नवंबर 15 2024 | 02:57:36 AM
Breaking News
Home / राज्य / चण्डीगढ़ / हरियाणा को विधानसभा के लिए चंडीगढ़ में जमीन देने पर विवाद

हरियाणा को विधानसभा के लिए चंडीगढ़ में जमीन देने पर विवाद

Follow us on:

चंडीगढ़. हरियाणा की नई विधानसभा के लिए चंडीगढ़ में जमीन देने को लेकर घमासान मच गया है। हरियाणा में भाजपा की सरकार है। इसके बावजूद पंजाब के भाजपा प्रधान सुनील जाखड़ ने इसका विरोध जताया है। जाखड़ ने सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मामले में दखल देकर जमीन की अलॉटमेंट रुकवाने की मांग की है। पंजाब की आम आदमी पार्टी (AAP), कांग्रेस और अकाली दल ने भी इसका विरोध किया है।

वहीं हरियाणा के परिवहन मंत्री अनिल विज ने पंजाब CM भगवंत मान को लेकर कहा कि चंडीगढ़ पंजाब का तब है जब हिंदी भाषी क्षेत्र हरियाणा को दे दोगे। वहीं हरियाणा से भाजपा की राज्यसभा सांसद किरण चौधरी ने कहा कि चंडीगढ़ किसी एक की बपौती नहीं है। बता दें कि हरियाणा विधानसभा की नई बिल्डिंग बनाने के लिए केंद्र सरकार ने 11 नवंबर को गैजेट नोटिफिकेशन जारी किया है। हरियाणा को चंडीगढ़ के IT पार्क के पास जमीन मिली है, यह एरिया पंचकूला से सटा हुआ है।

पंजाब BJP प्रधान बोले- चंडीगढ़ जमीन का टुकड़ा नहीं, लोगों की भावना

पंजाब भाजपा के प्रधान सुनील जाखड़ ने इस फैसले पर सख्त ऐतराज जताते हुए कहा- चंडीगढ़ हमारे लिए जमीन का टुकड़ा नहीं, इससे लोगों की भावनाएं जुड़ी हुई है। प्रधानमंत्री ने पंजाब को अतीत में मिले घावों पर मरहम लगाने के कई प्रयास किए हैं, लेकिन हरियाणा को चंडीगढ़ में विधानसभा भवन के लिए अलग जगह अलॉट करने से लोगों को ठेस पहुंचेगी। उन्हें इस फैसले पर दोबारा विचार करना चाहिए।

मंत्री विज बोले- पंजाब ने समझौता लागू नहीं किया मंत्री अनिल विज बोले- ‘‘पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान साहब कहते हैं कि चंडीगढ़ हमारा है, लेकिन चंडीगढ़ तुम्हारा तब है, जब तुम हिंदी भाषी क्षेत्र हरियाणा को स्थानांतरित कर दोगे, जब हमें सतलुज यमुना लिंक (SYL) का पानी दे दोगे, जब तक ये नहीं देते हो तब तक इसके ऊपर हमारा अधिकार है। हम चंडीगढ़ में तभी तक बैठे हुए हैं, क्योंकि जो दोनों राज्यों के बीच समझौता हुआ है, पंजाब उसे लागू ही नहीं कर रहा है, तो चंडीगढ़ किस प्रकार से तुम्हारा हुआ’।

अनिल विज ने आगे कहा-‘‘जिस समय पंजाब और हरियाणा अलग हुए, तो उस समय हरियाणा को इसमें (वर्तमान विधानसभा परिसर) एडजस्ट किया गया। अभी हरियाणा में 90 सदस्य हैं, अगला परिसीमन बनाया जाता है तो ऐसा अंदाजा लगाया जा रहा है कि 120 सदस्य हो जाएंगें। उन्होंने कहा कि वर्तमान विधानसभा में 120 सदस्यों के बैठने की जगह नहीं है, और जगह चाहिए और इस संबंध में पहले से ही हमने (हरियाणा) तैयारी कर दी थी’’।

साभार : दैनिक भास्कर

भारत : 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि) व/या भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

सारांश कनौजिया की पुस्तकें

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

अब हरियाणा सरकार भी देगी निःशुल्क डायलिसिस की सुविधा

चंडीगढ़. हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी ने आज (18 अक्टूबर) को एक बड़ा ऐलान …