नई दिल्ली. संस्कृत विद्वान जगद्गुरु रामभद्राचार्य और महान उर्दू के कवि गुलजार को 58वें ज्ञानपीठ पुरस्कार के लिए चुना गया है। आज ज्ञानपीठ चयन समिति ने इन दो नामों की घोषणा की हैं। पैनल ने बताया कि जगद्गुरु रामभद्राचार्य और गुलजार को ज्ञानपीठ पुरस्कार 2023 के लिए चुना गया है। आइए जानते हैं कि क्या होता है ये ज्ञान पीठ पुरस्कार और किसे दिया जाता है ?
क्या है ज्ञानपीठ पुरस्कार
यह भारत का सर्वोच्च साहित्यिक पुरस्कार है। यह पुरस्कार भारतीय ज्ञानपीठ न्यास द्वारा भारतीय साहित्य में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जाता है। यह पुरस्कार पहली बार 1965 में मलयालम कवि जी. शंकर कुरुप को उनके कविता संग्रह ओडक्कुझल के लिए दिया गया था। इस पुरस्कार से सम्मानित होने वाले व्यक्ति को 11 लाख रुपये की धनराशि दी जाती है। इसके अलावा प्रशस्ति पत्र के साथ ही वाग्देवी की कांस्य प्रतिमा भी दी जाती है।
साभार : नवभारत टाइम्स
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