मुंबई. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बीच मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मीडिया से बातचीत करते हुए कई अहम मुद्दों पर अपनी राय व्यक्त की. शिंदे ने अपने बयान में कांग्रेस और उद्धव ठाकरे दोनों पर निशाना साधा, साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि वह मुख्यमंत्री पद की रेस में नहीं हैं. उनके इस बयान से महाराष्ट्र की राजनीति में एक नया मोड़ आ सकता है. आइए जानते हैं इस बातचीत की मुख्य बातें और उनके राजनीतिक संदेश को.
मुख्यमंत्री पद की रेस से इंकार
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आजतक से खास बातचीत में साफ किया कि वह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की रेस में नहीं हैं. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री महायुति (बीजेपी और शिवसेना) का ही होगा. शिंदे का यह बयान उन राजनीतिक चर्चाओं को शांत करता है, जिनमें यह कयास लगाए जा रहे थे कि वह मुख्यमंत्री पद के लिए अपनी दावेदारी प्रस्तुत कर सकते हैं. शिंदे ने अपनी पार्टी के गठबंधन को मजबूत बताते हुए कहा कि महायुति के बीच कोई अंतर्विरोध नहीं है और मुख्यमंत्री पद पर कोई विवाद नहीं है.
उद्धव ठाकरे और कांग्रेस पर हमला
मुख्यमंत्री शिंदे ने उद्धव ठाकरे और कांग्रेस दोनों पर कड़ी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कांग्रेस की नीति को “फूट डालो राज करो” की नीति बताया, जो भारतीय राजनीति में लंबे समय से एक विवादास्पद सवाल रहा है. शिंदे ने यह भी सवाल उठाया कि राहुल गांधी ने अब तक बालासाहेब ठाकरे को हिंदू हृदय सम्राट क्यों नहीं कहा. उनका यह बयान राहुल गांधी और कांग्रेस की महाराष्ट्र राजनीति में भूमिका पर तीखा सवाल खड़ा करता है.
उद्धव ठाकरे का स्वार्थ और कुर्सी की राजनीति
शिंदे ने अपनी टिप्पणी में कहा कि बालासाहेब ठाकरे हमेशा यह कहते थे कि उनकी पार्टी कभी भी कांग्रेस के साथ नहीं जाएगी, क्योंकि कांग्रेस का राजनीतिक इतिहास विरोधाभासी और दुष्ट रहा है. लेकिन, उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उद्धव ठाकरे ने केवल मुख्यमंत्री बनने के लिए कांग्रेस के साथ गठबंधन किया. शिंदे ने कहा कि उद्धव को यह विश्वास था कि बिना उनकी मदद के सरकार नहीं बन सकती, और इसलिए उन्होंने बीजेपी की पीठ में छुरा घोंपा. शिंदे का यह आरोप महाराष्ट्र की राजनीति में एक गंभीर बयान माना जा रहा है, जो शिवसेना और कांग्रेस के गठबंधन पर सवाल उठाता है.
राहुल गांधी का बालासाहेब ठाकरे को लेकर बयान
सीएम शिंदे ने राहुल गांधी के बालासाहेब ठाकरे की पुण्यतिथि पर दिए गए बयान का स्वागत किया, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि राहुल गांधी ने पहले कभी बालासाहेब के प्रति अपनी सम्मान भावना जाहिर नहीं की थी. शिंदे ने राहुल गांधी से यह भी पूछा कि अगर उनमें हिम्मत है तो वह बालासाहेब ठाकरे को हिंदू हृदय सम्राट कहकर दिखाएं. यह बयान राहुल गांधी की महाराष्ट्र में राजनीतिक स्थिति और उनके नेतृत्व पर कड़ी टिप्पणी करता है.
उद्धव ठाकरे पर शिंदे का मजाकिया हमला
मुख्यमंत्री शिंदे ने उद्धव ठाकरे पर एक मजाकिया हमला भी किया. उन्होंने कहा कि अगर बालासाहेब ठाकरे आज जिंदा होते, तो वह उद्धव को सलाह देते कि वह जंगल में जाकर वाइल्ड लाइफ की तस्वीरें खींचें. यह बयान उद्धव ठाकरे की नेतृत्व क्षमता और उनके राजनीतिक दृष्टिकोण पर एक तीखा कटाक्ष था, जिसमें शिंदे ने यह इंगीत किया कि उद्धव का राजनीति में कोई ठोस दृष्टिकोण नहीं है.
साभार : न्यूजनेशन
भारत : 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि) व/या भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं