तेल अवीव. गाजा में युद्ध के बीच यमन के ईरान समर्थक हूती विद्रोही लगातार लाल सागर और अदन की खाड़ी में हमले कर रहे हैं। हूतियों ने कई व्यापारिक जहाजों को निशाना बनाया है जो इजरायल या अमेरिका से जुड़े हुए हैं। हूतियों के खिलाफ अमेरिका ने एक गठबंधन बनाया है और अब तक कई हमलों को विफल किया है। यही नहीं अमेरिका ने युद्धपोत और फाइटर जेट की मदद से यमन में हूतियों के कई ठिकानों को तबाह कर दिया है। इस बीच ताजा हमले में हूतियों ने अमेरिका के MQ9 प्रीडेटर ड्रोन को मार गिराने का दावा किया है। भारत भी MQ9 श्रेणी के किलर ड्रोन को 4 अरब डॉलर में 31 की संख्या में अमेरिका से खरीद रहा है। अदन की खाड़ी के पास हुई इस घटना के बाद अब अमेरिकी ड्रोन की क्षमता को लेकर सवाल उठ रहे हैं।
यमन में हूतियों के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल याह्या सारी ने कहा, ‘हमने अमेरिका के MQ9 ड्रोन को हुदायदाह इलाके में मार गिराया है। अमेरिका का यह ड्रोन आक्रामक मिशन पर था।’ हूतियों ने इस ड्रोन मार गिराने का एक वीडियो भी जारी किया है। अमेरिका के ये ड्रोन सबसे आधुनिक माने जाते हैं और इसे उसकी ताकत के रूप में देखा जाता है। इसी वजह से भारत भी इन ड्रोन को खरीद रहा है। इससे पहले रूस के एक फाइटर जेट काला सागर में अमेरिका के इस किलर ड्रोन को तेल डालकर और टक्कर मारकर गिरा दिया था।
अमेरिका-ब्रिटेन ने हूतियों पर बोला हमला
हूतियों का यह दावा अगर सही है तो यह अमेरिका के लिए बड़ा झटका होगा। इस बीच अमेरिकी-ब्रिटिश सैन्य गठबंधन ने यमन के लाल सागर बंदरगाह शहर होदेइदाह में हूती ठिकानों पर कई हमले किए हैं। हूतियों द्वारा संचालित सैटेलाइट टीवी चैनल अल-मसीरा ने शनिवार को कहा कि हमले बंदरगाह शहर और उसके आसपास हुए। इसमें शहर के उत्तर-पश्चिम में अल-सलीफ जिले में रास इस्सा का क्षेत्र भी शामिल है। अमेरिका के नेतृत्व वाले गठबंधन ने शनिवार के हमलों पर अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन शुक्रवार को हूती हमले का विवरण देते हुए एक संक्षिप्त बयान जारी किया है।
साभार : नवभारत टाइम्स
भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं