नई दिल्ली. अबूधाबी में बड़ी आईटी कंपनी में काम करने वाले भारतीय मूल के सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने वीडियो कॉल पर इंदौर के खजराना में रह रही पत्नी से तीन तलाक ले लिया। तमाम प्रयासों के बाद भी महिला को लेने भारत नहीं आया। तीन तलाक की प्रक्रिया को महिला ने कोर्ट में चुनौती दी। कोर्ट के कई नोटिस अबूधाबी भेजे गए, लेकिन इंजीनियर ने उसे स्वीकार नहीं किया। मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। महिला को 2 लाख रु. अंतरिम भरण पोषण दिलवाने के साथ इंजीनियर को हर केस में पेश होने के आदेश दिए। यदि ऐसा नहीं किया तो गिरफ्तारी होगी। इंजीनियर ने दो लाख रुपए महिला के खाते में डलवा दिए और एक केस में पेश होने इंदौर भी आया। अब 29 जनवरी को फैमिली कोर्ट में व 5 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में फिर सुनवाई होगी।
दो बार अबूधाबी से अकेले भेज दिया भारत
एडवोकेट शन्नो शगुफ्ता खान ने बताया, मूल रूप बेंगलुरु में रहने वाले सॉफ्टवेयर इंजीनियर की इंदौर के खजराना में रहने वाली युवती से दिसंबर 2018 में निकाह हुआ था। बाद में दोनों अबूधाबी चले गए थे। छोटी-छोटी बातों पर दोनों के विवाद होते थे। अप्रैल 2019 को उसने पत्नी को अकेले भेज दिया। कुछ दिन बाद वापस ले गया। दिसंबर 2019 में फिर अकेले मायके इंदौर भेज दिया और कभी लेने नहीं आया।
दो लाख रु. देने की शर्त पर दी अग्रिम जमानत
खान ने बताया कि वीडियो कॉल पर लिए तीन तलाक की प्रक्रिया को कोर्ट में चुनौती दी है। इंजीनियर व उसके परिजन पर खजराना थाना में केस भी दर्ज है। सुप्रीम कोर्ट ने दो लाख रुपए देने और हर केस में उपस्थित होने की शर्त पर उसे अग्रिम जमानत दी है।
साभार : दैनिक भास्कर
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