माले. भारत में लोकसभा चुनाव चल रहे हैं और राजनीतिक पार्टियां जोर-शोर से चुनाव प्रचार में जुटी हैं। इस चुनाव के बीच भारत की नजरें एक और चुनाव पर लगी हैं और ये चुनाव है मालदीव के संसदीय चुनाव। मालदीव के 2.8 लाख से ज्यादा लोग आज मालदीव की संसद, जिसे मजलिस कहा जाता है, उसके लिए वोट चल रहे हैं।
मालदीव में आज हो रहे संसदीय चुनाव
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू पिछले साल ही राष्ट्रपति चुने जा चुके हैं और अब हो रहे संसदीय चुनाव का राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू पर कोई असर नहीं होगा और वे पद पर बने रहेंगे। हालांकि अगर मोहम्मद मुइज्जू की पार्टी बहुमत नहीं हासिल कर सकी तो मुइज्जू को अपनी नीतियां देश में लागू करने के लिए काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। मोहम्मद मुइज्जू अपने भारत विरोधी रुख के चलते सुर्खियों में हैं। ऐसे में भारत चाहेगा कि राष्ट्रपति मुइज्जू की पार्टी को बहुमत न मिले ताकि चीन को वहां अपने पैर मजबूती से जमाने का मौका न मिल सके।
भारत के लिए अहम है मालदीव
हिंद महासागर में बसा मालदीव रणनीतिक रूप से बेहद अहम है। भारत और मालदीव के संबंध घनिष्ठ भी रहे हैं, लेकिन मोहम्मद मुइज्जू के सत्ता में आने के बाद से दोनों देशों के रिश्तों में थोड़ी कड़वाहट आई है। मालदीव के राष्ट्रपति ने वहां तैनात भारतीय सैनिकों को वापस भेजना शुरू कर दिया है, जिससे भारत की हिंद महासागर क्षेत्र में सर्विलांस की क्षमता प्रभावित होगी। यही वजह है कि भारत चाहेगा कि राष्ट्रपति मुइज्जू की पार्टी को संसदीय चुनाव में बहुमत न मिले ताकि उन्हें विपक्ष के दबाव में काम करना पड़े। मालदीव की मौजूदा विपक्षी पार्टी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी भारत समर्थित मानी जाती है और अभी भी मालदीव की संसद में इसी पार्टी का बहुमत है। भारत उम्मीद कर रहा है कि एक बार फिर मालदीव के संसदीय चुनाव में मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी को ही बहुमत मिले।
राष्ट्रपति मुइज्जू ने की लोगों से अपील
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने संसदीय चुनाव में वोट डालने के बाद लोगों से वोट डालने की अपील की। उन्होंने कहा कि मतदान हर नागरिक का संवैधानिक अधिकार है और सभी नागरिकों को जल्द से जल्द घरों से निकलकर वोट करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह मतदाताओं की जिम्मेदारी है कि वे सभी वोट करें। वहीं मालदीव के उपराष्ट्रपति हुसैन मोहम्मद लतीफ ने रविवार को संसदीय चुनाव में मतदान के बाद कहा कि हमें संसदीय चुनाव के नतीजे की परवाह किए बिना शांति बनाए रखनी चाहिए। साथ ही उन्होंने देश को लोगों और राजनीतिक दलों से राष्ट्रहितों को प्राथमिकता देने की अपील की।
साभार : अमर उजाला
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