लखनऊ. उत्तर प्रदेश के महारजगंज जिले में कुंवारों की नसबंदी करवाने का मामला सामने आया है. जहां पर सरकारी कर्मियों ने पेंशन मिलने का लालच दिखाकर सीएचसी ले जाकर पीड़ितों को बिना बताए इनकी नसबंदी करवा दी. अधिकारी को सूचना मिलने पर उन्होंने जांच करवाने की बात कही है. जिन अविवाहितों को नसबंदी हुई है, वह मानसिक रूप से ठीक नहीं हैं. स्वास्थ्य विभाग द्वारा किए गए इस कारनामे से पीड़ितों के परिजनों में आक्रोश है. वहीं यह मामला प्रकाश में आने के बाद अधिकारियों के द्वारा अब जांच कर कार्रवाई की बात कही जा रही है.
नौतनवा तहसील का है मामला
यह पूरा मामला महाराजगंज के नौतनवा तहसील का बताया जा रहा है. यहां के रहने वाले यह चार व्यक्ति आज अपने आप को ठगे से महसूस कर रहे हैं. दरअसल, मामला 2 दिन पुराना बताया जा रहा है. जब गांव की आशा कार्यकर्ता घर पर आई और लोगों से कहा की यह एक स्वास्थ्य परीक्षण व पेंशन की योजना है. उसके बाद चारों पीड़ित व्यक्तियों को पहले रतनपुर सीएचसी लेकर गई. इसके बाद आशा कार्यकर्ती पीड़ितों को फरेंदा क्षेत्र के बनकटी सीएचसी पर ले जाकर उनका ऑपरेशन कर दिया गया.
पीड़ितों को नहीं बताया
नसबंदी करने के बाद आरोपियों ने किसी भी पीड़ित को बताया तक नहीं. जब चारों व्यक्ति अपने घर पर आए और परिजनों ने उनसे जांच पड़ताल की तो पता चला कि इन चारों लोगों की नसबंदी कर दी गई है. पीड़ितों के घरवालों ने जब स्वास्थ्य कर्मियों से सवाल जवाब किया तो वह स्पष्ट जवाब नहीं दे पाए. वहीं नसबंदी होने के बाद अब चारों व्यक्ति अपने आप को ठगे से महसूस कर रहे हैं. परिजनों का कहना है कि पेंशन के नाम पर बिना बताए नसबंदी की गई है. उनकी मांग है कि इस पूरे घटनाक्रम में जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए. वहीं स्वास्थ्य कर्मियों के द्वारा इस घटना के बाद अब अधिकारी इस पूरे मामले की जांच कर कार्रवाई की बात कह रहे हैं.
साभार : जी न्यूज़
भारत : 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि) व/या भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं