हैदराबाद. तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी की मुश्किलें बढ़ गई हैं. मंगलवार (24 सितंबर, 2024) को उन्हें साल 2015 के नोट फॉर वोट केस में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का समन मिला. उन्हें कोर्ट के सामने 16 अक्टूबर या उससे पहले हाजिर होने के लिए कहा गया है. 2015 में जब केसीआर की सरकार थी, तब टीडीपी विधायक रेवंत रेड्डी कैमरे पर एक नामित विधायक को 50 लाख रुपए ऑफर करते हुए पकड़े गए थे. रेवंत रेड्डी ने एमएलसी चुनाव में वोट के बदले में एमएलए एल्विस स्टीफेंसन को रकम ऑफर की थी. बाद में रेवंत रेड्ड को तेलंगाना पुलिस ने अरेस्ट कर लिया था.
केटीआर ने लगाया ये आरोप
BRS के कार्यकारी अध्यक्ष केटीआर ने भी तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. केटीआर ने मीडिया से बातचीत में कहा कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी पर अमृत 2.0 योजना के तहत फर्जी निविदा आवंटन पर केंद्रित 8,888 करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार घोटाला है.
सुप्रीम कोर्ट ने दी थी चेतावनी
साल 2015 के नोट फॉर वोट केस में सुप्रीम कोर्ट ने भी शुक्रवार (20 सितंबर) को तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी को निर्देश दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने रेवंत रेड्डी से कहा था कि वो इस मामले की कार्यवाही में अभियोजन पक्ष के कामकाज में किसी भी तरह का हस्तक्षेप न करें, जिसमें वह एक आरोपी हैं. न्यायमूर्ति बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति के.वी. विश्वनाथन की एक पीठ ने मामले की सुनवाई को तेलंगाना से भोपाल स्थानांतरित करने से शुक्रवार को इनकार कर दिया था. पीठ ने कहा कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के महानिदेशक मामले के अभियोजन के संबंध में मुख्यमंत्री को रिपोर्ट नहीं करेंगे. बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी की उस टिप्पणी पर भी नाराजगी जताई थी, जो उन्होने भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) नेता के. कविता को दिल्ली आबकारी नीति में कथित घोटाले में जमानत दिए जाने पर दी थी.
साभार : एबीपी न्यूज़
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