इस्लामाबाद. पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान और पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को गोपनीय सूचना लीक करने के मामले 10-10 साल जेल की सजा सुनाई गई है। दोनों को ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के तहत गठित की गई विशेष अदालत ने गोपनीय सूचना लीक करने का दोषी पाया। इमरान खान (71 वर्षीय) और शाह महमूद कुरैशी (67 वर्षीय) रावलपिंडी की अडियाला जेल में बंद हैं। जेल से ही इमरान खान और शाह महमूद कुरैशी अदालत की सुनवाई में वर्चुअली शामिल हुए।
पीटीआई फैसले को देगी चुनौती
इमरान खान की पार्टी पीटीआई ने इस फैसले की कड़ी आलोचना की है। पीटीआई ने बयान जारी कर कहा है कि उनकी कानूनी टीम इस फैसले को उच्च अदालत में चुनौती देगी। पार्टी ने आरोप लगाया कि इस मामले की सुनवाई के दौरान मीडिया या आम जनता को शामिल नहीं होने दिया गया और जल्दबाजी में फैसला सुनाया गया है। पीटीआई ने कहा कि मार्च-अप्रैल 2022 को जो हुआ, उसे कोई भी अदालती सुनवाई नहीं बदल सकती। इस मामले में कानून का मजाक उड़ाया गया है। पार्टी ने लोगों से 8 फरवरी को होने वाले आम चुनाव में ‘हकीकी आजादी’ के लिए वोट करने की अपील की।
क्या है गोपनीय दस्तावेज लीक करने का मामला
पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ पार्टी के चीफ इमरान खान को एक जनसभा के दौरान गोपनीय कूटनीतिक दस्तावेज को सार्वजनिक करने का दोषी पाया गया। इमरान खान के प्रधानमंत्री पद पर रहने के दौरान यह घटना घटी थी। जिस दस्तावेज को सार्वजनिक किया गया, उसे अमेरिका स्थित पाकिस्तानी दूतावास द्वारा भेजा गया था। इमरान खान के पास से वह दस्तावेज कथित तौर पर बरामद नहीं हुआ है। इमरान खान ने गोपनीय दस्तावेज सार्वजनिक करते हुए आरोप लगाए थे कि अमेरिका के इशारे पर उनकी सरकार को गिराने की साजिश रची जा रही है। इस घटना के कुछ समय बाद ही अप्रैल 2022 में इमरान खान की सरकार को अविश्वास मत के जरिए सत्ता से बेदखल कर दिया गया था। इमरान खान के सत्ता से बाहर होने के बाद से उनके खिलाफ अब तक 150 से ज्यादा मामले दर्ज हो चुके हैं। इमरान खान को उनके खिलाफ चल रहे दूसरे मामले में दोषी ठहराया गया है। इससे पहले तोशाखाना मामले में भी इमरान खान को बीती 5 अगस्त को दोषी ठहराया गया था। तोशाखाना मामले में इमरान खान को तीन साल जेल की सजा सुनाई गई थी।
साभार : नवभारत टाइम्स
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