शनिवार, अप्रैल 26 2025 | 11:46:39 PM
Breaking News
Home / व्यापार / हम अपने अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए जवाबी कदम उठाने के लिए तैयार है : चीन

हम अपने अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए जवाबी कदम उठाने के लिए तैयार है : चीन

Follow us on:

बीजिंग. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दुनिया भर से आने वाले आयात पर 10% टैक्स लगाने और प्रमुख व्यापारिक साझेदारों पर अतिरिक्त कड़े शुल्क लगाने का फैसला किया है, जिससे वैश्विक व्यापार युद्ध छिड़ने की आशंका बढ़ गई है. इसी बीच चीन ने अमेरिका को चेतावनी दी है. बीजिंग के वाणिज्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि ये टैरिफ अंतरराष्ट्रीय व्यापार नियमों के खिलाफ हैं और इससे संबंधित देशों के कानूनी अधिकारों और हितों को गंभीर नुकसान होगा. चीन अपने अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए जवाबी कदम उठाने के लिए तैयार है.

चीन ने जारी किया बयान

France24 की रिपोर्ट के अनुसार, बीजिंग ने वाशिंगटन से इन टैरिफ को तुरंत रद्द करने का आग्रह किया और चेतावनी दी कि इससे वैश्विक आर्थिक विकास को खतरा होगा और यह अमेरिकी हितों व अंतरराष्ट्रीय आपूर्ति श्रृंखला को नुकसान पहुंचाएगा. इसके अलावा चीन ने अमेरिका पर एकतरफा धमकाने का भी आरोप लगाया.

चीन के लिए बढ़ी मुश्किलें

ट्रंप ने अपने बड़े व्यापारिक साझेदार चीन पर 34% का सख्त टैरिफ लगाया है, जबकि सभी देशों के लिए 10% का आधार शुल्क भी लागू होगा. यह पिछले महीने लगाए गए 20% टैरिफ के अतिरिक्त है. इसके जवाब में बीजिंग ने सोयाबीन, पोर्क और चिकन सहित कई अमेरिकी कृषि उत्पादों पर 15% तक का शुल्क लगा दिया. अमेरिकी टैरिफ से चीन की अर्थव्यवस्था को और झटका लग सकता है क्योंकि वह पहले से ही रियल एस्टेट सेक्टर में कर्ज संकट और घटती खपत जैसी समस्याओं से जूझ रहा है.

विवाद सुलझाने की अपील की

बीजिंग ने कहा कि अमेरिका यह दावा कर रहा है कि उसे अंतरराष्ट्रीय व्यापार में नुकसान हुआ है. इसी वजह से वह पारस्परिकता का हवाला देकर अपने व्यापारिक साझेदारों पर टैरिफ बढ़ाने का बहाना बना रहा है. बीजिंग ने यह भी कहा कि अमेरिका का यह रवैया उन लाभों को नजरअंदाज करता है, जो वर्षों की व्यापार वार्ताओं के जरिए सभी देशों को मिले हैं. साथ ही यह इस सच्चाई को भी अनदेखा करता है कि अमेरिका ने लंबे समय से अंतरराष्ट्रीय व्यापार से अच्छा खासा फायदा कमाया है. इसके बजाय बीजिंग ने विवाद को हल करने के लिए “बातचीत” करने की बात कही.

साभार : एबीपी न्यूज

भारत : 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि) व/या भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

सारांश कनौजिया की पुस्तकें

ऑडियो बुक : भारत 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि)

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

आईडीएफसी फर्स्ट बैंक बोर्ड ने 7,500 करोड़ रुपए की फंडरेजिंग को दी मंजूरी

मुंबई, 17 अप्रैल, 2025: आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की आज हुई बैठक …