नई दिल्ली. श्रम और रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा है कि पाकिस्तान ने लगातार शत्रुता और सीमा पार आतंकवाद से सिंधु जल संधि की भावना को कमज़ोर किया है। वे आज दोहा में सामाजिक विकास के लिए द्वितीय विश्व शिखर सम्मेलन के पूर्ण सत्र में भारत का राष्ट्रीय वक्तव्य दे रहे थे। श्रम और रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा कि पाकिस्तान ने भारत की परियोजनाओं में बाधा डालने के लिए संधि तंत्र का बार-बार दुरुपयोग किया है। उन्होंने कल पाकिस्तान के राष्ट्रपति द्वारा भाषण में भारत के बारे में रखे गए कुछ अनुचित संदर्भों पर कड़ी आपत्ति जताई।
श्रम और रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने इसे भारत के खिलाफ दुष्प्रचार फैलाकर दुनिया का ध्यान सामाजिक विकास पर केंद्रित करने से हटाने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय मंच का दुरुपयोग बताया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को भारत के आंतरिक मामलों पर बोलने का कोई अधिकार नहीं है। श्रम और रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया कहा कि पाकिस्तान को आत्म-मूल्यांकन और विकास से जुड़ी अपनी गंभीर चुनौतियों का समाधान करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय समुदाय की मदद पर ही निर्भर रहता है।
डॉ. मांडविया ने दोहा में सामाजिक विकास पर आयोजित द्वितीय विश्व शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में गरीबी उन्मूलन और सामाजिक सुरक्षा में देश की परिवर्तनकारी प्रगति पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सामाजिक प्रगति तभी संभव है, जब नीति के केंद्र में जनता हो और विकास एक साझा प्रयास बन जाए। डॉ. मांडविया ने प्रधानमंत्री मोदी के ‘सबका साथ, सबका विकास’ के दृष्टिकोण का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि भारत का विकास पथ ग्लोबल साउथ के लिए एक अनुकरणीय विकास मॉडल प्रस्तुत करता है।
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