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खराब सेहत के कारण आसाराम बापू को सुप्रीम कोर्ट से मिली अंतरिम जमानत

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जयपुर. राजस्थान की जोधपुर जेल में बंद आसाराम बापू को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी है. पिछले दिनों बीमार चल रहे आसाराम बापू को इलाज के लिए महाराष्ट्र भी ले जा गया था. बीच में सूरत की लाजपोर जेल बंद उनके बेटे को गुजरात हाईकोर्ट ने बीमारी के चलते मिलने की अनुमति दी थी.

किस आधार पर मिली आसाराम बापू को जमानत?

सुप्रीम कोर्ट ने 2013 के बलात्कार मामले में मेडिकल आधार पर आसाराम बापू को अंतरिम जमानत देते हुए कुछ शर्त भी लगाई है. जिसमें कहा गया है कि आसाराम सबूतों से छेड़छाड़ करने की कोशिश नहीं करेंगे और अंतरिम जमानत पर रिहा होने के बाद अपने अनुयायियों से नहीं मिलेंगे.

रेप केस में उम्रकैद की सजा काट रहे आसाराम बापू

आसाराम को 2013 में यौन उत्पीड़न के एक मामले में दोषी पाया गया था और उन्हें धारा 376 (बलात्कार) और धारा 377 (अप्राकृतिक कृत्य) के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. यह मामला एक नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म से जुड़ा था जो उनके जोधपुर स्थित आश्रम में पढ़ाई कर रही थी.

साल 2024 में तीन बार पैरोल मिली थी

वर्ष 2024 के अंत में आसाराम को तीसरी बार पैरोल मिली थी जो उनके स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के कारण थी. राजस्थान हाईकोर्ट ने 15 दिसंबर को यह फैसला सुनाया था, जिसमें उन्हें चिकित्सा कारणों से पैरोल की अनुमति दी गई. इससे पहले, उन्हें नवंबर में 30 दिन और अगस्त में 7 दिन की पैरोल मिली थी. आसाराम को कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हैं, जिनमें ब्लॉकेज भी शामिल है. पैरोल की शर्तों के अनुसार, उन्हें इस अवधि के दौरान किसी से मिलने की अनुमति नहीं थी.

68 लोगों के बयान, 7 आरोपी, एक सरकारी गवाह, फिर हुई आसाराम बापू को सजा

आसाराम, जिन्होंने कभी पूरे भारत में लाखों अनुयायियों के दिलों पर राज किया था, लेकिन 2013 में यौन उत्पीड़न के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. यह मामला सूरत की एक लड़की द्वारा आसाराम पर लगाए गए बलात्कार के आरोप से जुड़ा था. मामले की जांच में 68 लोगों के बयान दर्ज किए गए थे और आसाराम समेत 7 आरोपी थे. हालांकि, पहले 8 आरोपी थे, लेकिन उनमें से एक सरकारी गवाह बन गया था. आसाराम को राजस्थान स्थित अपने आश्रम में नाबालिग का यौन उत्पीड़न करने के मामले में दोषी पाया गया था और उन्हें धारा 376 और 377 के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. यह सजा उन्हें जोधपुर की एक अदालत द्वारा सुनाई गई थी. आसाराम की गिरफ्तारी और सजा ने उनके अनुयायियों और समर्थकों के बीच बड़ा झटका दिया था.

साभार : जी न्यूज

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