मुंबई. लव जिहाद और धोखाधड़ी कर या फिर जबरन धर्म परिवर्तन रोकने के लिए महाराष्ट्र की महायुति सरकार कानून बनाने की तैयारी में है। इस संबंध में महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक की अध्यक्षता में 7 सदस्यीय एक विशेष समिति गठित करने की फैसला किया है। यह समिति अब तक मिली शिकायतों का समाधान सुझाने, अन्य राज्यों के कानूनों का अध्ययन करेगी। महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक की अध्यक्षता में गठित समिति में अतिरिक्त मुख्य सचिव/ प्रधान सचिव/ सचिव महिला व बाल विकास विभाग,अतिरिक्त मुख्य सचिव/ प्रधान सचिव/ सचिव अल्पसंख्यक विकास विभाग, अतिरिक्त मुख्य सचिव/ प्रधान सचिव/ सचिव विधि व न्याय विभाग,अतिरिक्त मुख्य सचिव/ प्रधान सचिव/ सचिव सामाजिक न्याय व विशेष सहायता विभाग को सदस्य बनाया गया है।
कानून पर स्टडी करेगी कमिटी
गृह विभाग के सह सचिव/ उपसचिव सदस्य सचिव तथा सह सचिव, उपसचिव (विधि) सदस्य बनाए गए हैं। समिति महाराष्ट्र में वर्तमान स्थिति का अध्ययन कर लव जिहाद व धोखाधड़ी से या बलपूर्वक धर्म परिवर्तन के संबंध में प्राप्त शिकायतों का समाधान सुझाएगी। साथ ही, कानूनी पहलुओं की जांच कर तथा अन्य राज्यों में मौजूद कानूनों का अध्ययन कर कानूनी के अनुरूप सिफारिश करेगी।
उत्तर प्रदेश में लागू है कानून
लव जिहाद को लेकर पहले उत्तर प्रदेश में कानून बनाया गया। वहां दोषी व्यक्ति को 20 साल की सजा का प्रावधान किया गया है। गुजरात, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, मध्यप्रदेश, उत्तराखंड और असम में भी लव जिहाद के खिलाफ कानून बन चुके हैं।
लव जिहाद के एक लाख से अधिक शिकायतें
अक्टूबर, 2024 में तत्कालीन उप मुख्यमंत्री और वर्तमान मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दावा किया था कि लव जिहाद की एक लाख से अधिक शिकायतें मिली हैं। इन शिकायतों में हिंदू महिलाओं को फर्जी पहचान का इस्तेमाल करके पुरुषों द्वारा शादी के लिए झांसा दिया गया। उन्होंने कहा था कि एक दशक पहले हम सोचते थे कि लव जिहाद की बात इक्का दुक्का घटना है, लेकिन ऐसा नहीं है एक लाख से अधिक शिकायतें मिली हैं, जिनमें हिंदू महिलाओं को दूसरे धर्मों के पुरुषों के साथ भागकर शादी करने का झांसा दिया गया। यह प्रेम का कृत्य नहीं है, बल्कि यह एक सोची समझी साजिश है और यह लव जिहाद है। यह हमारे धर्म की महिलाओं को धोखा देने और उन्हें बिगाड़ने का एक तरीका है।
साभार : नवभारत टाइम्स
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