नई दिल्ली. अमेरिकी सरकार द्वारा टैक्स को लेकर बनाए जा रहे दबाव के बीच भारत सरकार ने Bourbon व्हिस्की पर आयात शुल्क 150% से घटाकर 100% कर दिया है. इसके अलावा कई और तरह की वाइन पर भी शुल्क कम किया है. ताजा अंगूर से बनी वाइन, vermouth और कुछ फर्मेंटेड पेय पदार्थों के साथ-साथ 80% तक अल्कोहल वाली शुद्ध एथिल अल्कोहल पर भी शुल्क घटाकर 100% कर दिया गया है. पिछले वित्तीय वर्ष में इन उत्पादों का कुल आयात लगभग 1 अरब डॉलर का था. Bourbon के मामले में, बेसिक कस्टम ड्यूटी 50% तय की गई है, जबकि 50% का कृषि उपकर (सेस) भी लगाया गया है. पिछले साल, Bourbon से जुड़ी दो टैरिफ लाइनों के तहत कुल आयात लगभग 2.6 मिलियन डॉलर का था, जिसमें अमेरिका से आयात 0.8 मिलियन डॉलर आंका गया था.
ट्रंप के साथ मुलाकात से पहले ऐलान
सरकार ने इसकी घोषणा गुरुवार को की है. यानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात के एक दिन पहले . इस बैठक में मुख्य मुद्दा टैरिफ (शुल्क) से जुड़ा रहा. ट्रंप ने एक बार फिर कहा कि वह अमेरिकी उद्योग को प्रतिस्पर्धी बनाए रखने के लिए ‘रिसिप्रोकल टैरिफ’ लागू करने का वादा निभाएंगे. मोदी से मुलाकात से ठीक पहले ट्रंप ने यह भी कहा कि भारत में दुनिया में सबसे ज्यादा टैरिफ में से एक हैं. अमेरिका भारत को Bourbon व्हिस्की का प्रमुख निर्यातक है और भारत में आयात की जाने वाली ऐसी सभी शराब का लगभग एक-चौथाई हिस्सा अमेरिका से आता है.
भारत-अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार दोगुना करने का लक्ष्य
राजस्व विभाग ने एक अधिसूचना में कहा कि Bourbon व्हिस्की के आयात पर अब 150 प्रतिशत की जगह 50 प्रतिशत तक सीमा शुल्क लगेगा. भारत ने 2023-24 में 25 लाख डॉलर मूल्य की Bourbon व्हिस्की का आयात किया था. इसके प्रमुख निर्यातक देशों में अमेरिका, यूएई, सिंगापुर और इटली शामिल हैं. भारत और अमेरिका ने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना से अधिक बढ़ाकर 500 अरब डॉलर करने का संकल्प लिया है.
साभार : जी न्यूज
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