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बेल्जियम में मेहुल चोकसी गिरफ्तार, भारत लाने की तैयारी तेज

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नई दिल्ली. मेहुल चोकसी को बेल्जियम में गिरफ्तार कर लिया गया है. खबर है कि 13500 करोड़ रुपये के पीएनबी घोटाले का आरोपी मेहुल चोकसी इलाज करवाने बेल्जियम गया था. सीबीआई और ईडी के कहने पर बेल्जियम पुलिस ने उसे अस्पताल से ही हिरासत में ले लिया. इस भगोड़े हीरा कारोबारी को अब भारत लाने की तैयारियां तेज कर दी हैं. भारत और बेल्जियम के बीच अंग्रेजी शाषण के दौरान 1901 में ही प्रत्यर्पण संधि हुई थी और इसी आधार पर चोकसी पर शिकंजा कस गया है. हालांकि इस बीच चोकसी ने फिर एक चाल चल दी है, जिससे भारत लाना मुश्किल हो सकता है.

मेहुल चोकसी के वकील ने बताया कि भारतीय जेलों में अमानवीय स्थितियों का हवाला देते हुए वह भारत प्रत्यर्पित किए जाने को चुनौती दे सकते हैं. चोकसी के वकील विजय अग्रवाल ने कहा, ‘मेहुल चौकसी स्वास्थ कारणों से इलाज करवाने बेल्जियम गया था, लेकिन शनिवार को उन्हें बेल्जियम पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.’

‘भगोड़ा आर्थिक अपराधी नहीं मेहुल चोकसी’

इसके साथ ही उन्होंने कहा, ‘मेहुल चोकसी को अभी तक भारत सरकार की तरफ से ‘भगोड़ा आर्थिक अपराधी’ घोषित नहीं किया गया है. उनकी गिरफ्ताती के बाद अब वहां अपील की जाएगी कि ये उन्हें कस्टडी में नहीं रखा जाए. इसका नियम है कि जब केस दर्ज किया जाता है और उसके बाद अगर वो देश छोड़कर भागता तो गलत होता. हम आज भी कहते हैं कि अगर जांच एजेंसी चाहे तो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये उनका बयान ले सकती है.’

चोकसी के वकीस ने इसके साथ ही रक्षा क्षेत्र के सलाहकार संजय भंडारी को बरी किए जाने के खिलाफ भारत की प्रत्यर्पण अपील में लंदन के हाईकोर्ट न्यायालय के फैसले का हवाला दिया. संजय भंडारी टैक्स चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में वॉन्टेड है. भंडारी के मामले में लंदन की अदालत ने कहा था कि रक्षा सलाहकार को तिहाड़ जेल में ‘अन्य कैदियों और जेल अधिकारियों’ से ‘जबरन वसूली और हिंसा’ का खतरा होगा.

चोकसी की अपील का क्या आधार

चोकसी की अपील के आधार के बारे में पूछे जाने पर अग्रवाल ने कहा, ‘आम तौर पर दो आधार होते हैं- यह एक राजनीतिक मामला है और मुवक्किल के मानवाधिकार प्रभावित होंगे. हम भंडारी मामले में आए फैसले के आधार पर एक मजबूत मामला बनाएंगे, जिसमें कहा गया है कि भारतीय जेल की स्थिति मानवीय नहीं है.’

साभार : न्यूज18

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