नई दिल्ली. अमेरिका से 116 अवैध प्रवासी भारतीयों के दूसरे समूह को लेकर अमेरिकी सैन्य विमान सी-17 शनिवार रात्रि 11:33 बजे अमृतसर एयरपोर्ट पर उतरा। इनमें पंजाब के 65, हरियाणा के 33, गुजरात के आठ, यूपी, महाराष्ट्र व राजस्थान के दो-दो, हिमाचल, जम्मू-कश्मीर व गोवा का एक-एक व्यक्ति है। लौटाए गए भारतीयों को पिछली बार की तरह इस बार भी हथकड़ियां व बेड़ियां बांधकर लाया गया, जो उन्हें विमान से उतारने के पहले हटा ली गईं। उड़ान में महिलाओं व बच्चों को हथकड़ियां नहीं डाली गईं, केवल पुरुषों को डाली गईं।
चिल्ला-चिल्लाकर रो रहे थे युवक
टर्मिनल पर उतारे गए सिख युवकों की पगड़ियां सिर पर नहीं थीं। उन्हें नंगे सिर एयरपोर्ट पर उतारा गया। उनमें से कुछ चिल्ला-चिल्लाकर रो रहे थे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जब विगत दिवस अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से वाशिंगटन में मुलाकात की, तो आशा की जा रही थी कि उन्होंने भारतीयों को हथकड़ियां लगाने का मुद्दा ट्रंप से समक्ष उठाया होगा और भारतीयों के लिए इससे छूट की बात कही होगी।
परंतु अमेरिका ने फिर अपना वही तरीका अपनाया है। भारतीय कूटनीति यहां अधिक काम आती नहीं दिखी। पिछली बार हथकड़ियां लगाकर जब भारतीयों को लाया गया था, तब भारी हंगामा हुआ था। विदेश मंत्री जयशंकर ने संसद में यह बयान दिया था कि अमेरिका में अवैध प्रवासियों को उनके देश भेजे जाने में यही प्रक्रिया अपनाई जाती है। इससे पूर्व, पांच फरवरी को अमेरिका से 104 भारतीय लौटाए गए थे। अब तीसरा अमेरिकी विमान आज यानी 16 फरवरी को अमृतसर भेजा जाएगा। उसमें 157 अवैध प्रवासी भारतीयों के पहुंचने की संभावना है।
एयरपोर्ट पर मौजूद थे सीएम मान
उड़ान में भारतीयों को फिर से हथकड़ियां व बेड़ियां लगाई गई थीं तथा सिख युवकों के सिर पर पगड़ियां नहीं थीं, इसकी पुष्टि सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों ने की। उड़ान में चार महिलाएं, एक बच्ची व एक बच्चा था। पता चला है कि एयरपोर्ट पर उतरने के बाद सभी प्रवासियों को एविएशन क्लब के बिजनेस लाउंज में डिनर कराया गया। उन्हें उनके घरों तक पहुंचाने के लिए लगभग 15 गाड़ियों का प्रबंध किया गया था। मुख्यमंत्री भगवंत मान व कैबिनेट मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल सायं चार बजे से ही एयरपोर्ट पर उपस्थित थे। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने एयरपोर्ट अथॉरिटी के साथ बैठक भी की। अमेरिकी विमान के आने से पहले पुलिस ने बैरिकेडिंग करके सभी रास्ते बंद कर दिए थे।
साभार : दैनिक जागरण
भारत : 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि) व/या भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं