ढाका. बांग्लादेश की अंतरिम सरकार, जिसने कट्टरपंथियों को खुली छूट दे रखी है और जिसने पिछले डेढ़ साल में हिंदुओं से होने वाली हिंसा को ‘बदनाम करने की साजिश’ करार दे रखा था, उसने हिंदू शख्स की हत्या पर चुप्पी तोड़ी है। बांग्लादेश में एक हिंदू युवक को ईशनिंदा का आरोप लगाकार पहले पीट-पीटकर हत्या कर दी गई और फिर पेड़ से बांधकर आग लगा दिया गया। इस घटना की मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार ने निंदा की है। बांग्लादेश सरकार ने कहा कि ‘नए बांग्लादेश में ऐसी हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है’। बांग्लादेश ने कहा है कि इस अपराध में शामिल किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।
मृतक की पहचान दीपू चंद्र दास के रूप में हुई है, जो एक युवा गारमेंट फैक्ट्री कर्मचारी था और भालुका उपजिला के डुबालिया पाड़ा इलाके में किराए पर रहता था। पुलिस के मुताबिक, गुरुवार रात करीब 9 बजे कुछ स्थानीय लोगों ने उस पर पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया था। इसके बाद बिना किसी जांच या कानूनी प्रक्रिया के, भीड़ ने उस पर हमला कर दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
बांग्लादेश में हिंदू शख्स की बेरहमी से हत्या
आपको बता दें कि पिछले साल अगस्त में शेख हसीना की सरकार के पतन के बाद कट्टर इस्लामिक संगठनों ने हिंदुओं के खिलाफ हिंसा शुरू कर दी थी। रिपोर्ट के मुताबिक, सैकड़ों हिंदुओं के घर तोड़ दिए गये। कई हिंदुओं की हत्या कर दी गई। लेकिन मोहम्मद यूनुस ने चुप्पी साध रखी थी। अब जबकि इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है और मोहम्मद यूनुस के लिए इस घटना को झुठलाना मुमकिन नहीं हो रहा है, तो उसने इस घटना की निंदा की है। बांग्लादेश की सरकार की तरफ से जारी आधिकारिक बयान में नागरिकों से सतर्क रहने और हर तरह की हिंसा को खारिज करने की अपील की है।
बयान में कहा गया कि देश में हिंसा, आगजनी और डर फैलाने की घटनाएं “कुछ अलग-थलग आतंकवादी तत्वों” द्वारा अंजाम दी जा रही हैं। सरकार ने कहा, “हम हिंसा, भय, आगजनी और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की सभी घटनाओं की सख्ती से निंदा करते हैं।” बयान में यह भी कहा गया कि बांग्लादेश इस समय एक ऐतिहासिक लोकतांत्रिक परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है और अराजकता पैदा करने की कोशिशों से देश को शांति के रास्ते से भटकने नहीं दिया जाएगा।”
बांग्लादेश में कल रात से ही हिंसा
आपको बता दें कि बांग्लादेश में हिंसा कल शाम के बाद शुरू हुई जब पिछले शुक्रवार को शरीफ उस्मान हादी नाम के एक छात्र नेता को गोली मार दी गई थी और कल उसकी मौत हो गई। उसकी मौत की खबर आते ही देशभर में हिंसा शुरू हो गई। भारतीय एक्सपर्ट्स का कहना है कि मोहम्मद यूनुस की सरकार ने ही, या पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI इस हत्याकांड को अंजाम दिलवाया होगा, ताकि हिंसा का हवाला देकर फरवरी में होने वाले चुनाव को टाला जा सके और मोहम्मद यूनुस सरकार का सर्वेसर्वा बने रहें। भारतीय एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस हत्याकांड में बिना जांच के ही जिस तरह से भारत पर आरोप लगाए जा रहे हैं, उससे साफ जाहिर होता है कि बड़ी साजिश के तहत भारत विरोधी छात्र नेता को ‘बलि का बकरा’ बनाया गया है।
साभार : नवभारत टाइम्स
‘गांधी जी की राजनीतिक यात्रा के कुछ पन्ने’ पुस्तक के बारे में जानने के लिए लिंक पर क्लिक करें :
https://matribhumisamachar.com/2025/12/10/86283/
आप इस ई-बुक को पढ़ने के लिए निम्न लिंक पर भी क्लिक कर सकते हैं:
https://www.amazon.in/dp/B0FTMKHGV6
यह भी पढ़ें : 1857 का स्वातंत्र्य समर : कारण से परिणाम तक
Matribhumisamachar


