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खुदाई में निकले 19वीं सदी के 75 चांदी के सिक्के

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बाराबंकी. रामनगर तहसील के महादेवा स्थित पौराणिक लोधेश्वर धाम के पास उस वक्त हड़कंप मच गया, जब कॉरिडोर निर्माण कार्य की खुदाई के दौरान मजदूरों को मिट्टी में दबा एक घड़ा मिला. जब घड़े को बाहर निकाला गया और खोला गया, तो उसमें चांदी के प्राचीन सिक्के भरे हुए थे. देखते ही देखते वहां सैकड़ों लोगों की भीड़ जमा हो गई. प्राचीन सिक्कों को लूटने के लिए वहां मौजूद मजदूर आपस में ही भिड़ गए.

खुदाई के दौरान चांदी के सिक्के निकलने की सूचना मिलते ही प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंच गया और सिक्कों को कब्जे में ले लिया. बताया जा रहा है कि ये सिक्के 19वीं सदी के हैं, जिन पर ब्रिटिश काल की ‘विक्टोरिया’ मुहर लगी हुई है. कुल 75 चांदी के सिक्के बरामद किए गए हैं, जिन्हें सीलबंद कर ट्रेजरी में सुरक्षित रखवा दिया गया है.

सीएम के ड्रीम कॉरिडोर प्रोजेक्ट में मिला खजाना

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट ‘महादेवा कॉरिडोर’ के तहत समतलीकरण और निर्माण कार्य चल रहा है. इसी दौरान गुरुवार शाम मंदिर परिसर के पीछे खुदाई में मजदूरों को एक घड़ा दबा मिला. कौतूहलवश जब इसे खोला गया तो अंदर चांदी के सिक्के देखकर सभी दंग रह गए.

प्रशासन ने संभाला मोर्चा

खजाना मिलने की खबर फैलते ही वहां भीड़ उमड़ पड़ी और अफरा-तफरी मच गई. मौके पर महादेवा चौकी इंचार्ज अभिनंदन पांडेय, नायब तहसीलदार विजय प्रकाश तिवारी और बाद में तहसीलदार विपुल कुमार सिंह पहुंचे. स्थानीय लोगों की मौजूदगी में सिक्कों की गिनती कर उन्हें सुरक्षित किया गया.

जॉइंट मजिस्ट्रेट का बयान

जॉइंट मजिस्ट्रेट रामनगर, गुंजिता अग्रवाल ने पुष्टि करते हुए बताया, ‘महादेवा कॉरिडोर निर्माण कार्य के दौरान 19वीं सदी के चांदी के 75 सिक्के मिले हैं. इन्हें सीलबंद कर ट्रेजरी में सुरक्षित रखवा दिया गया है.’

जानिए महादेवा धाम की ऐतिहासिक मान्यता

बाराबंकी के रामनगर तहसील के महादेवा गांव में स्थित लोधेश्वर महादेव मंदिर की धार्मिक मान्यता महाभारत काल से जुड़ी हुई है. मान्यता है कि इस शिवलिंग की स्थापना पांडवों ने की थी. यहां का शिवलिंग 52 दुर्लभ शिवलिंगों में से एक है. सावन माह में यहां लाखों कांवड़िए दर्शन के लिए आते हैं.

कॉरिडोर पर 200 करोड़ की लागत

सरकार द्वारा इस कॉरिडोर प्रोजेक्ट पर लगभग 200 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं. इसके लिए 147 मकान और दुकानें हटाई जानी हैं. अब तक 60 से अधिक मकान-दुकानें ध्वस्त की जा चुकी हैं और लगभग 48 करोड़ रुपए मुआवजा भी दिया जा चुका है.

साभार : न्यूज18

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