नई दिल्ली. दिल्ली हाईकोर्ट में कार्यरत एक सीनियर जज के घर से भारी संख्या में नकदी बरामद होने की खबर फैलते ही जजों और वकील समुदाय सकते में आ गए। कुछ ने घटना पर हैरानी जताई तो कुछ ने इस घटना से संबंधित संस्था की छवि पर असर को लेकर चिंता व्यक्त की। खबर सार्वजनिक होने के बाद जस्टिस यशवंत वर्मा की बेंच शुक्रवार को छुट्टी पर रही। एक सीनियर एडवोकेट ने दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने घटना का जिक्र कर वकील समुदाय की चिंता को रखा और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए प्रशासनिक स्तर पर कड़े कदम उठाए जाने की मांग की।
‘घटना से हुई बहुत तकलीफ’
सीनियर एडवोकेट अरुण भारद्वाज ने चीफ जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेडेला की बेंच के सामने मामले का जिक्र किया। सीनियर एडवोकेट बोले, आज की घटना से हममें से कई वकीलों को बहुत तकलीफ हुई । कृपया प्रशासनिक स्तर पर कुछ कदम उठाएं ताकि ऐसी घटनाएं फिर से न हों। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए चीफ जस्टिस ने कहा, हर कोई(तकलीफ में ) है। हमें पता है। अपनी बात रखते हुए सीनियर वकील ने बेंच से कहा कि मैं अपने कई बंधु वकीलों की भावनाओं को यहां व्यक्त कर रहा हूं। कृपया कुछ कदम उठाएं ताकि ऐसी घटनाएं आगे न हों और न्यायिक प्रणाली की सच्चाई कायम रहे। हम सब हिल गए हैं और निराश हैं।
जस्टिस वर्मा की बेंच नहीं बैठी
घर से कैश के ढेर मिलने की खबर सार्वजनिक होने के बाद जस्टिस यशवंत वर्मा की अध्यक्षता वाली बेंच को शुक्रवार को छुट्टी पर घोषित कर दिया गया। हालांकि, सुबह इसकी कोई आधिकारिक सूचना जारी नहीं की गई थी। इसलिए कॉज लिस्ट के मुताबिक, वकीलों की भीड़ जस्टिस वर्मा की डिवीजन बेंच की कोर्ट में जुटने लगी। बाद में कोर्ट स्टाफ ने बताया कि बेंच आज नहीं बैठेगी। खबर के मुताबिक, जस्टिस वर्मा के सरकारी बंगले में आग लगने की सूचना मिलने पर फायर ब्रिगेड उनके आवास पर पहुंची। आग बुझाते हुए उन्हें एक कमरे में कैश के बेहिसाब ढेर मिले।
सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने लिया फैसला
हालांकि, जस्टिस वर्मा उस वक्त अपने आवास पर नहीं थे। संबंधित अधिकारी ने इसकी सूचना अपने सीनियर अधिकारी तक पहुंचाई, जिन्होंने केंद्र को इस बारे में जानकारी दी। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना तक इस सूचना को पहुंचाया और फिर गुरुवार शाम को सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम का एक्शन सामने आया, जिसने जस्टिस वर्मा को उनके पेरेंट कोर्ट इलाहाबाद हाईकोर्ट में ट्रांसफर कर दिया।
साभार : नवभारत टाइम्स
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