रविवार, दिसंबर 07 2025 | 11:00:05 PM
Breaking News
Home / व्यापार / भारत अंतर्राष्ट्रीय चावल सम्मेलन (बीआईआरसी) 2025 के आयोजन में वाणिज्य विभाग द्वारा सहायता प्रदान करने पर दिया स्पष्टीकरण

भारत अंतर्राष्ट्रीय चावल सम्मेलन (बीआईआरसी) 2025 के आयोजन में वाणिज्य विभाग द्वारा सहायता प्रदान करने पर दिया स्पष्टीकरण

Follow us on:

भारत सरकार सहभागी निर्णय लेने और व्यापार संवर्धन सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक आर्थिक सेक्टर के सभी हितधारकों के साथ नियमित रूप से सहयोग करती है। चावल भारत का सबसे प्रमुख कृषि-निर्यात है, जिसका 2024-25 में निर्यात लगभग 12.95 अरब अमेरिकी डॉलर का है।  भारत के विश्व में चावल का सबसे बड़ा उत्पादक होने का भी अनुमान है। इस सेक्टर के महत्व को देखते हुए, वाणिज्य विभाग अन्य हितधारक मंत्रालयों/विभागों के साथ मिलकर भारत अंतर्राष्ट्रीय चावल सम्मेलन (बीआईआरसी), 2025 को गैर-वित्तीय सहायता प्रदान कर रहा है।

बीआईआरसी 2025 का आयोजन 30-31 अक्टूबर 2025 को नई दिल्ली भारत के प्रगति मैदान के  मंडपम में होना है। इसका आयोजन भारतीय चावल निर्यातक संघ (आईआरईएफ) द्वारा किया जा रहा है, जो चावल सेक्टर का एक निजी व्यापार निकाय है। इसके सदस्यों में चावल क्षेत्र के निर्यातक और चावल इकोसिस्टम से जुड़े अन्य हितधारक शामिल हैं। आईआरईएफ के सदस्यों और अध्यक्ष की नियुक्ति में वाणिज्य विभाग की कोई भूमिका नहीं होती।

आईआरईएफ के अतिरिक्त,  भारत के अन्य प्रमुख चावल निर्यातक संघ (गैर-बासमती चावल के लिए), अर्थात् चावल निर्यातक संघ, छत्तीसगढ़ (टीआरईए-सीजी) और चावल निर्यातक संघ (टीआरईए), काकीनाडा भी इस आयोजन में सह-भागीदारी कर रहे हैं।

कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा), जिसे कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने का कार्य सौंपा गया है, सम्मेलन में संबंधित मंत्रालयों/विभागों को शामिल करके इस आयोजन को समर्थन दे रहा है, ताकि चावल निर्यात के विस्तार एवं संवर्धन की दिशा में समग्र एवं समन्वित कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।

आयोजन स्थल की बुकिंग, खरीदारों की मेज़बानी (यात्रा किराया, आवास) आदि सहित सभी लॉजिस्टिक्स व्यवस्थाओं का पूरा व्यय आईआरईएफ और उसके अन्य सह-भागीदारों द्वारा अपने स्वयं के धन से या निजी प्रायोजनों से वहन किया जा रहा है। इस प्रकार, प्रदर्शनी, क्रेता-विक्रेता बैठक, तकनीकी सत्र, वीडियो, बैनर, पोस्टर, प्रदर्शनियों आदि जैसी रचनात्मक लागतों का पूरा व्यय आयोजकों द्वारा वहन किया जा रहा है।

आईआरईएफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष के विरुद्ध या आईआरईएफ के संचालन के बारे में प्रेस के एक वर्ग में लगाए गए विशिष्ट आरोपों के संबंध में, विभाग इस मामले पर टिप्पणी नहीं कर सकता, क्योंकि यह व्यक्ति और प्राइवेट व्यापार निकाय का निजी मामला है।

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

राइट टू डिस्कनेक्ट बिल : बॉस के कॉल-ईमेल को कर सकेंगे कानूनन मना

नई दिल्ली. अगर आप जॉब करते हैं तो यह खबर आपके के लिए है। कई …