नई दिल्ली. तुहिन कांत पांडे, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के नए अध्यक्ष होंगे। वह मौजूदा अध्यक्ष माधवी पुरी बुच का स्थान लेंगे। कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने उनकी नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। पांडे का कार्यकाल तीन साल का होगा। केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय ने नियुक्ति को लेकर अधिसूचना जारी कर दी है।
कौन हैं तुहिन कांत पांडे?
तुहिन कांत ने पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ से अर्थशास्त्र में ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त की है। उन्होंने बर्मिंघम विश्वविद्यालय से एमबीए किया है। 1987 बैच के प्रशासनिक अधिकारी तुहिन कांत पांडे फिलहाल वित्त मंत्रालय में सचिव के रूप में कार्यरत हैं। वे ओडिशा कैडर के आइएएस हैं। तुहिन कांत पांडे को नौ जनवरी को अरुणीश चावला की जगह वित्त सचिव बनाया गया था। इस पद पर पांडे की नियुक्ति आम बजट से करीब तीन सप्ताह पहले की गई थी। बजट बनाने में वित्त सचिव की बहुत बड़ी भूमिका होती है। हालांकि इनके पास राजस्व सचिव का भी प्रभार है।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय में भी कर चुके हैं काम
तुहिन कांत पांडे ने निवेश एवं सार्वजनिक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM) के प्रमुख के रूप में भी काम किया। इससे पहले, उन्हें संबलपुर में जिला कलेक्टर, वाणिज्य मंत्रालय में उप सचिव और योजना आयोग में संयुक्त सचिव के रूप में नियुक्त किया गया था। उन्होंने थोड़े समय के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय के साथ भी काम किया।उन्होंने देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम की लिस्टिंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इतना ही नहीं, जनवरी 2022 में सरकार द्वारा एयर इंडिया को टाटा समूह को सफलतापूर्वक बेचने में भी उनकी मदद की थी। पांडे ने निवेश एवं सार्वजनिक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (डीआईपीएएम) के प्रमुख के रूप में भी काम किया। इससे पहले, उन्हें संबलपुर में जिला कलेक्टर, वाणिज्य मंत्रालय में उप सचिव और योजना आयोग में संयुक्त सचिव के रूप में नियुक्त किया गया था। उन्होंने थोड़े समय के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय के साथ भी काम किया।
28 फरवरी को समाप्त हो रहा माधबी पुरू बुच का कार्यकाल
वर्तमान सेबी अध्यक्ष माधबी पुरी बुच का कार्यकाल 28 फरवरी को समाप्त हो रहा है। उन्होंने दो मार्च, 2022 को तीन साल के कार्यकाल के लिए पदभार संभाला था। बुच सेबी की पहली महिला प्रमुख थीं। बुच ने अजय त्यागी का स्थान लिया था। अजय त्यागी मार्च 2017 से फरवरी 2022 तक पांच साल तक सेवा की। उनसे पहले यूके सिन्हा ने सेबी के नेतृत्व में लगातार विस्तारित कार्यकाल में छह साल तक पद संभाला था।
साभार : दैनिक जागरण
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