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ट्रंप-जेलेंस्की मुलाकात: शांति समझौते के करीब पहुंचे दोनों देश, पर ‘डोनबास’ पर फंसा पेंच

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फ्लोरिडा. रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने रविवार (28 दिसंबर 2025) को फ्लोरिडा स्थित ट्रंप के आवास मार-ए-लागो में मुलाकात की। लगभग दो घंटे चली इस बैठक के बाद दोनों नेताओं ने सकारात्मक संकेत दिए हैं, हालांकि कुछ जटिल मुद्दों पर अभी भी सहमति बनना बाकी है।

मुलाकात की मुख्य बातें:

  • 20-सूत्रीय शांति योजना: जेलेंस्की ने बताया कि अमेरिका और यूक्रेन की टीमों द्वारा तैयार किए गए 20-सूत्रीय शांति प्रस्ताव पर 90% सहमति बन चुकी है। ट्रंप ने भी इसे ‘शानदार मुलाकात’ बताते हुए कहा कि हम समझौते के बहुत करीब हैं।

  • डोनबास का मुद्दा: ट्रंप ने स्वीकार किया कि डोनबास (पूर्वी यूक्रेन) का भविष्य अभी भी सबसे बड़ा विवादित बिंदु है। उन्होंने इसे एक ‘कठिन सवाल’ बताया जिस पर अभी कोई ठोस समाधान नहीं निकला है।

  • सुरक्षा गारंटी: यूक्रेन के लिए सुरक्षा गारंटी के मुद्दे पर जेलेंस्की ने दावा किया कि इस पर 100% सहमति बन गई है। वहीं ट्रंप ने कहा कि इस पर 95% काम हो चुका है और वे चाहते हैं कि यूरोपीय देश इसमें बड़ी भूमिका निभाएं।

  • पुतिन से बातचीत: जेलेंस्की से मिलने से ठीक पहले ट्रंप ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी लंबी फोन कॉल की थी। ट्रंप के अनुसार, पुतिन भी युद्ध खत्म करने के पक्ष में दिख रहे हैं।

चुनौतियां और विवाद:

मुलाकात की तस्वीरों में ट्रंप के हाथ पर भारी मेकअप (कंसीलर) देखा गया, जिसे लेकर सोशल मीडिया पर काफी चर्चा हुई। हालांकि व्हाइट हाउस ने इसे ‘लगातार हाथ मिलाने’ की वजह से लगी हल्की चोट बताया है। इसके अलावा, बैठक से ठीक पहले रूस ने कीव पर मिसाइल हमले किए थे, जिसे जेलेंस्की ने शांति वार्ता में बाधा डालने की कोशिश बताया।

“हम समझौते के बेहद करीब हैं, लेकिन कुछ कांटेदार मुद्दों को सुलझाना अभी बाकी है। दोनों पक्ष चाहते हैं कि यह युद्ध अब खत्म हो।”डोनाल्ड ट्रंप

शांति योजना के प्रमुख बिंदु (संभावित):

यद्यपि पूरी योजना के सभी 20 बिंदु अभी सार्वजनिक नहीं किए गए हैं, लेकिन बैठक के बाद छनकर आई खबरों और चर्चाओं के अनुसार इसके मुख्य स्तंभ निम्नलिखित हैं:

  1. तत्काल युद्धविराम (Ceasefire): एक निश्चित तारीख से युद्ध के मैदान में गोलाबारी पूरी तरह बंद करना।

  2. यूक्रेन के लिए सुरक्षा गारंटी: भविष्य में रूसी आक्रमण को रोकने के लिए अमेरिका और सहयोगियों द्वारा सुरक्षा का ठोस आश्वासन, हालांकि इसमें नाटो की सदस्यता पर अभी सस्पेंस बना हुआ है।

  3. यूरोपीय देशों की भूमिका: शांति को बनाए रखने के लिए फ्रंटलाइन पर यूरोपीय देशों की सेनाओं की तैनाती की संभावना, ताकि अमेरिका पर सैन्य बोझ कम हो।

  4. डोनबास का विशेष दर्जा: पूर्वी यूक्रेन (डोनबास) के विवादित क्षेत्रों को लेकर एक ‘विशेष प्रशासनिक दर्जा’ देने पर विचार, ताकि वहां की आबादी की स्वायत्तता और सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।

  5. बफर जोन का निर्माण: मौजूदा फ्रंटलाइन के आसपास एक डी-मिलिट्राइज्ड जोन (DMZ) बनाना।

  6. रूस पर प्रतिबंधों में ढील: यदि रूस शांति शर्तों का पालन करता है, तो उस पर लगे कुछ कड़े आर्थिक प्रतिबंधों को धीरे-धीरे हटाने का प्रावधान।

  7. कैदियों की अदला-बदली: ‘सभी के बदले सभी’ (All for All) के आधार पर युद्धबंदियों की रिहाई।

  8. पुनर्निर्माण फंड: यूक्रेन के बुनियादी ढांचे को फिर से खड़ा करने के लिए अंतरराष्ट्रीय निवेश और संभावित रूप से जब्त की गई रूसी संपत्तियों का उपयोग।

रूस की प्रतिक्रिया:

रूस के राष्ट्रपति कार्यालय (क्रेमलिन) ने इस मुलाकात और प्रस्तावित योजना पर मिली-जुली प्रतिक्रिया दी है:

  • सतर्क स्वागत: व्लादिमीर पुतिन ने ट्रंप के साथ हुई फोन कॉल को “रचनात्मक” बताया है। रूस ने कहा है कि वह युद्ध खत्म करने के किसी भी प्रस्ताव पर विचार करने के लिए तैयार है, बशर्ते “जमीनी हकीकत” (कब्जे वाले क्षेत्र) को स्वीकार किया जाए।

  • नाटो पर सख्त रुख: रूस ने स्पष्ट कर दिया है कि यूक्रेन का नाटो में शामिल न होना उसकी सबसे बड़ी शर्त है। अगर 20-सूत्रीय योजना में यूक्रेन की नाटो सदस्यता का कोई भी रास्ता खुला रहता है, तो रूस इसे अस्वीकार कर सकता है।

  • हमलों के जरिए दबाव: शांति वार्ता की खबरों के बीच यूक्रेन पर हालिया मिसाइल हमले दिखाते हैं कि रूस बातचीत की मेज पर अपनी पकड़ मजबूत रखना चाहता है और यूक्रेन को शर्तों पर झुकने के लिए मजबूर कर रहा है।

शांति योजना में 90% सहमति होना एक बड़ी उपलब्धि है, लेकिन बाकी के 10% (विशेषकर डोनबास और क्षेत्रीय नियंत्रण) सबसे कठिन हैं। ट्रंप ने संकेत दिया है कि वह अपनी शपथ ग्रहण (20 जनवरी) से पहले या तुरंत बाद इस समझौते को फाइनल करना चाहते हैं।

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